सुप्रीम कोर्ट द्वारा COVID 19 मामले में संज्ञान लेने पर पांचवीं कक्षा की छात्रा ने मुख्य न्यायाधीश को धन्यवाद देते हुए पत्र लिखा, सीजेआई ने दिल को छू लेने वाला जवाब दिया

LiveLaw News Network

8 Jun 2021 2:37 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट द्वारा COVID 19 मामले में संज्ञान लेने पर पांचवीं कक्षा की छात्रा ने मुख्य न्यायाधीश को धन्यवाद देते हुए पत्र लिखा, सीजेआई ने दिल को छू लेने वाला जवाब दिया

    केरल की 5वीं कक्षा की एक स्कूली छात्रा ने भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमना को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने उच्चतम न्यायालय को COVID स्थिति से निपटने के लिए पारित आदेशों के लिए धन्यवाद दिया।

    केंद्रीय विद्यालय, त्रिशूर में 5 वीं कक्षा में पढ़ रही दस वर्षीय लिडविना जोसेफ ने एक सुंदर स्क्रॉल में हाथ से लिखा पत्र भेजकर कहा कि वह "खुश और गर्व महसूस करती" हैं कि ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने लोगों की जान बचाई है। इसके बाद देश में COVID-19 की दर और मृत्यु दर में कमी आई खासकर दिल्ली में।

    उसने एक रंग बिरंगा चित्र भी संलग्न किया जिसमें एक जज को कोरोनोवायरस को गैवेल के साथ तोड़ते हुए दिखाया गया था। तिरंगे, लायन कैपिटल और राष्ट्रपिता के चित्र से ड्राइंग को पूरा किया गया।

    इस पत्र का पूरा पाठ है:

    "' मैं लिडविना जोसेफ हूँ, केन्द्रीय विद्यालय, त्रिशूर की 5वीं कक्षा में पढ़ रही हूँ। मैंने द हिंदू अखबार में भारत की मुख्य खबर पढ़ती हूँ। मैं दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में कोरोना के कारण होने वाली मौतों को लेकर बहुत चिंतित थी।

    मुझे अखबार से पता चला कि आपके माननीय न्यायालय ने COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में आम लोगों की पीड़ा और मृत्यु पर प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप किया है। मुझे खुशी है और गर्व महसूस होता है कि आपके माननीय अदालत ने ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए आदेश दिया है और कई लोगों की जान बचाई है। माननीय न्यायालय ने हमारे देश में विशेष रूप से दिल्ली में COVID-19 और मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। मैं इसके लिए आपका धन्यवाद करतीहूं। अब मुझे बहुत गर्व और खुशी हो रही है।"

    इस। पत्र से प्रभावित होकर मुख्य न्यायाधीश ने लड़की को भेजा दिल को छू लेने वाला जवाब जो इस प्रकार है,

    "मेरी प्यारी लिडविना,

    मुझे आपका सुंदर पत्र मिला, साथ ही काम पर जज के दिल को छू लेने वाला चित्र भी मिला है।

    जिस तरह से आपने देश में होने वाली घटनाओं पर नज़र रखी और महामारी के मद्देनजर लोगों की भलाई के लिए आपने जो चिंता दिखाई, उससे मैं वास्तव में प्रभावित हूँ।

    मुझे विश्वास है कि आप बड़ी होकर एक सतर्क, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित होंगी जो राष्ट्र निर्माण में बहुत योगदान देगा।

    आपकी सर्वांगीण सफलता के लिए शुभकामनाओं और आशीर्वाद के साथ"

    मुख्य न्यायाधीश रमना ने उन्हें संविधान की एक हस्ताक्षरित प्रति भी भेजी।

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