मैंने कई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को हाईब्रिड सुनवाई के लिए लिखा है: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

Shahadat

4 May 2023 5:54 AM GMT

  • मैंने कई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को हाईब्रिड सुनवाई के लिए लिखा है: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को मौखिक रूप से टिप्पणी की कि वह विभिन्न हाईकोर्ट में हाइब्रिड सुनवाई की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई कर रहे हैं। यह टिप्पणी एडवोकेट सिद्धार्थ गुप्ता द्वारा हाइब्रिड हियरिंग के संबंध में किए गए उल्लेख पर आई है।

    सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ के समक्ष वकील ने इसका उल्लेख किया था।

    गुप्ता ने पीठ को सूचित किया कि कोविड के मामले बढ़ने के बावजूद, कई हाईकोर्ट हाइब्रिड सुनवाई की अनुमति नहीं दे रहे हैं। तदनुसार, उन्होंने सभी हाईकोर्ट में हाइब्रिड सुनवाई फिर से शुरू करने की मांग करने वाली अपनी याचिका पर सुनवाई के लिए तत्काल लिस्टिंग के लिए कहा।

    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इस पर कहा,

    "मैं आईसीटी सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल उड़ीसा जा रहा हूं। मैं आईसीटी समिति के न्यायाधीशों से मिलूंगा। बहुत कुछ ऐसा है, जो न्यायिक रूप से नहीं किया गया है जैसा कि प्रशासनिक पक्ष में किया गया है। मैं इस मामले से अवगत हूं। मैंने इस संबंध में सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी लिखा है।"

    देश में COVID-19 मामलों में वृद्धि को देखते हुए कुछ हाईकोर्ट पहले ही हाइब्रिड सुनवाई में स्थानांतरित हो गए हैं। उदाहरण के लिए मद्रास हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल 2023 से प्रिंसिपल बेंच और मदुरै पीठ दोनों में सुनवाई के हाइब्रिड मोड की अनुमति दी है।

    जस्टिस एसके कौल और जस्टिस अभय श्रीनिवास ओक की सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने इस साल की शुरुआत में मौखिक रूप से कहा कि सभी अदालतें मुकदमों की सुनवाई के लिए देश में हाईब्रिड व्यवस्था होनी चाहिए।

    सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने फरवरी में हाईकोर्ट में हाइब्रिड सुनवाई की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टििस की आलोचना करते हुए कुछ कड़ी टिप्पणी की थी, जो वर्चुअल कोर्ट के विकल्प को बंद कर रहे हैं।

    सीजेआई चंद्रचूड़ ने ई-कोर्ट में निवेश किए गए सार्वजनिक धन की बर्बादी के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा था,

    "कुछ चीफ जस्टिस जो कर रहे हैं, वह सारा पैसा जो हमने खर्च किया है, वे सिर्फ उस तकनीकी बुनियादी ढांचे को खत्म कर रहे हैं जिसे हमने वर्चुअल सुनवाई के लिए बनाया है। मैं कुछ हाईकोर्ट द्वारा ऐसा करने से बहुत परेशान हूं। चाहे कुछ भी हो। एक मुख्य न्यायाधीश तकनीक के अनुकूल है या नहीं, यह नहीं है कि आप सार्वजनिक धन से कैसे निपटते हैं। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो।"

    पिछले हफ्ते, सीजेआई की अगुवाई वाली खंडपीठ ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकीलों द्वारा मिश्रित सुनवाई विकल्प की कमी के संबंध में दायर याचिका पर विचार किया था और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से शिकायतों को देखने का अनुरोध करने वाले मामले का निस्तारण किया था।

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