सीजेआई बीआर गवई ने जज की "नाज़ुक ईगो" वाली टिप्पणी को मीडिया द्वारा संदर्भ से बाहर बताए जाने पर चिंता व्यक्त की
Shahadat
4 Jun 2025 8:13 AM

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने हाल ही में मीडिया द्वारा अदालती कार्यवाही की संदर्भ से बाहर रिपोर्टिंग के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की।
यूनाइटेड किंगडम के सुप्रीम कोर्ट में गोलमेज चर्चा में बोलते हुए सीजेआई गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज द्वारा की गई हालिया टिप्पणी को गलत तरीके से रिपोर्ट किया गया। उन्होंने कहा कि इससे न्यायपालिका में लोगों के विश्वास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
सीजेआई ने कहा:
"सार्वजनिक पारदर्शिता बढ़ाने के लिए भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपने संविधान-पीठ के मामलों की लाइव-स्ट्रीमिंग भी शुरू की। हालांकि, किसी भी शक्तिशाली डिवाइस की तरह लाइव स्ट्रीमिंग का उपयोग सावधानी से किया जाना चाहिए, क्योंकि फर्जी खबरें या संदर्भ से बाहर की अदालती कार्यवाही जनता की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं।"
उन्होंने आगे याद दिलाया कि कैसे जज की टिप्पणी, जो हल्के-फुल्के अंदाज में कही गई थी, उसको गलत तरीके से पेश किया गया।
उन्होंने कहा:
"पिछले हफ़्ते ही मेरे एक सहकर्मी ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में जूनियर वकील को कोर्ट क्राफ्ट और आर्ट ऑफ सॉफ्ट स्किल्स के बारे में सलाह दी थी। इसके बजाय, उनके बयान को संदर्भ से बाहर ले जाया गया और मीडिया में इस तरह से रिपोर्ट किया गया, "हमारा अहंकार बहुत नाज़ुक है; अगर आप इसे ठेस पहुंचाते हैं तो आपका मामला खत्म हो जाएगा।"