IPC, CrPC और Evidence Act को बदलने के लिए लोकसभा में संशोधित आपराधिक सुधार विधेयक पेश

Shahadat

12 Dec 2023 6:05 PM IST

  • IPC, CrPC और Evidence Act को बदलने के लिए लोकसभा में संशोधित आपराधिक सुधार विधेयक पेश

    केंद्र सरकार ने मंगलवार (12 दिसंबर) को पिछले संस्करणों को वापस लेने के बाद लोकसभा में संशोधित आपराधिक सुधार विधेयक पेश किया।

    गृह मंत्री अमित शाह ने 'भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023' (The Bharatiya Nyaya (Second) Sanhita, 2023), 'भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023' (The Bharatiya Nagarik Suraksha (Second) Sanhita, 2023) और 'भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) विधेयक, 2023' (The Bharatiya Sakshya (Second) Bill, 2023) पेश किए, जो क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को निरस्त करने और प्रतिस्थापित करने की मांग करते हैं। नए विधेयकों में संसदीय स्थायी समिति द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल किया गया।

    गृह मंत्री ने कहा कि ज्यादातर बदलाव व्याकरण संबंधी हैं। विधेयकों पर चर्चा 14 दिसंबर को होगी।

    पिछले महीने गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने प्रस्तावित विधेयकों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें विभिन्न बदलावों का सुझाव दिया गया। उदाहरण के लिए, समिति ने सिफारिश की कि व्यभिचार को अपराध मानने का प्रावधान- जिसे 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था- उसको जेंडर-न्यूट्रल रूप में पेश किया जाना चाहिए। इसने गैर-सहमति वाले समलैंगिक कृत्यों को अपराध मानने के लिए आईपीसी की धारा 377 के समान प्रावधान को बनाए रखने की भी सिफारिश की।

    पैनल ने डिजिटल साक्ष्य को सुरक्षित करने के लिए नए सीआरपीसी बिल में प्रावधानों की भी सिफारिश की। इसमें गिरफ्तारी के 15 दिनों से अधिक की पुलिस हिरासत की अनुमति देने वाले प्रावधान को लेकर भी चिंताएं व्यक्त की गईं। इसने यह भी सुझाव दिया कि ऑनलाइन एफआईआर के तौर-तरीके राज्यों पर छोड़ दिए जाएं।

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