पुलिस थानों में बंद CCTV पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से पूछे 12 सवाल
Praveen Mishra
26 Sept 2025 6:52 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने आज राजस्थान सरकार से पुलिस थानों में काम न कर रहे सीसीटीवी कैमरों के मुद्दे पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने 12 बिंदुओं पर जानकारी तलब की है, जिनमें यह भी शामिल है कि क्या नियमित ऑडिट होते हैं, फुटेज कितने समय तक सुरक्षित रखी जाती है, क्या अचानक निरीक्षण की व्यवस्था है और फुटेज के साथ छेड़छाड़ रोकने के लिए फॉरेंसिक जांच होती है या नहीं।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि पुलिस थानों से सीसीटीवी फुटेज मंगाने के प्रयास नाकाम रहे और जानकारी “तुच्छ कारणों” से नहीं दी गई। कोर्ट ने इसे Paramvir Singh Saini बनाम बलजीत सिंह (2020) केस में दिए गए अपने निर्देशों का उल्लंघन बताया, जिसमें सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने का आदेश दिया गया था।
कोर्ट ने डीजीपी राजस्थान को 2 हफ्ते में शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।
यह मामला 4 सितंबर को दर्ज हुआ था, जब दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में सामने आया कि पिछले 7–8 महीनों में राजस्थान में पुलिस हिरासत में 11 मौतें हुई हैं।
सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ डेव ने बताया कि कुछ राज्यों ने सीसीटीवी लगाने के आदेश का पालन किया है, लेकिन कई जगह अब भी पालन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे अक्सर मैन्युअली बंद कर दिए जाते हैं, जबकि इनसे न केवल हिरासत में मौतों, बल्कि हिरासत में यातना और दुर्व्यवहार की भी निगरानी हो सकती है।
जस्टिस मेहता ने कहा, “समस्या निगरानी की है। आज पालन रिपोर्ट आ जाएगी, कल कैमरे बंद कर दिए जाएंगे...हमें ऐसा सिस्टम चाहिए जहां मानव हस्तक्षेप न हो, कैमरा बंद होते ही अलर्ट मिले। स्वतंत्र एजेंसी से निरीक्षण भी होना चाहिए। हम IIT को भी शामिल करने पर विचार कर सकते हैं ताकि तकनीकी तरीके से बिना मानव हस्तक्षेप निगरानी हो।”
कोर्ट ने संकेत दिया कि वह पुलिस थानों में सीसीटीवी की स्वतंत्र और ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग की व्यवस्था पर विचार कर रहा है।

