कैपिटल फाउंडेशन ने जस्टिस कृष्ण अय्यर जयंती पर DNLU कुलपति प्रो. सिन्हा को दिया प्रतिष्ठित पुरस्कार

Praveen Mishra

17 Nov 2025 5:52 PM IST

  • कैपिटल फाउंडेशन ने जस्टिस कृष्ण अय्यर जयंती पर DNLU कुलपति प्रो. सिन्हा को दिया प्रतिष्ठित पुरस्कार

    कैपिटल फाउंडेशन सोसाइटी ने 16 नवंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में जस्टिस वी.आर. कृष्ण अय्यर की 110वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष समारोह आयोजित किया। कार्यक्रम में भारत की न्याय व्यवस्था में जस्टिस अय्यर के दूरदर्शी नेतृत्व, प्रगतिशील विचारों और अद्वितीय योगदान को श्रद्धांजलि दी गई।

    समारोह में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्जल भुइयां मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि कैपिटल फाउंडेशन के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश माननीय जस्टिस सीकिर विशिष्ट अतिथि थे।

    इस अवसर पर, धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (डीएनएलयू), जबलपुर के कुलपति प्रो. (डॉ.) मनोज कुमार सिन्हा को विधि शिक्षा और अनुसंधान में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कैपिटल फाउंडेशन पुरस्कारों के अंतर्गत प्रो. उपेंद्र बक्सी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

    प्रो. सिन्हा तीन दशकों से अधिक के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक अनुभव वाले विद्वान हैं, जो भारतीय विधि संस्थान के निदेशक रह चुके हैं और पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय विधि विज्ञान विश्वविद्यालय में भी अध्यापन कर चुके हैं।

    कैपिटल फाउंडेशन, एक स्वतंत्र, गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन है, जो पिछले 30 वर्षों में 300 से अधिक जन-विमर्श कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। इसके सदस्यों में भारत के राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्री, प्रशासनिक अधिकारी, विश्वविद्यालयों के कुलपति, सैन्य अधिकारी, शिक्षाविद, समाजसेवी और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं।

    समारोह का आयोजन डॉ. चारु माथुर और डॉ. विनोद सेठी ने किया। इस अवसर पर न्यायपालिका, विधि शिक्षा जगत और कानूनी बिरादरी के प्रतिष्ठित सदस्यों ने जस्टिस वी.आर. कृष्ण अय्यर के विचारों और योगदान को स्मरण करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

    डीएनएलयू समुदाय ने प्रो. सिन्हा को प्राप्त इस सम्मान पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि उनका नेतृत्व विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय विधि जगत में नए आयाम प्रदान कर रहा है। मध्यस्थता (mediation) को भारतीय न्याय प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग बनाने तथा विधिक शिक्षा को उन्नत करने में उनका योगदान अत्यंत प्रेरणादायक है।

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