वरिष्ठ नागरिक अधिनियम का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बेटे की बेदखली का आदेश रद्द किया

Praveen Mishra

9 Dec 2025 1:09 PM IST

  • वरिष्ठ नागरिक अधिनियम का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बेटे की बेदखली का आदेश रद्द किया

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (8 दिसंबर) को कहा कि वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 एक कल्याणकारी कानून है, जिसका उद्देश्य असहाय एवं संवेदनशील वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा करना है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस अधिनियम का उपयोग वरिष्ठ नागरिक *अपने बच्चों को कानून का पालन किए बिना बेदखल करने के साधन* के रूप में नहीं कर सकते।

    जस्टिस रियाज़ छागला और जस्टिस फरहान दुबाश की खंडपीठ ने ट्रिब्यूनल और अपीलीय ट्रिब्यूनल के उन आदेशों को रद्द कर दिया, जिनमें मुंबई के आंधेरी स्थित एक बंगले से 53 वर्षीय बेटे को बेदखल करने का निर्देश दिया गया था।

    बंगले में कभी नहीं रहे माता-पिता

    अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता के माता-पिता कभी भी विवादित बंगले में नहीं रहे, जबकि वह उनकी ही संपत्ति थी। वे पास की सोसायटी में चार बेडरूम वाले फ्लैट में अलग रहते थे और बेटे को बिना किसी किराए के बंगले में रहने की अनुमति दी थी।

    महत्वपूर्ण बात यह कि सेक्शन 5 के तहत दायर पिता की प्रारंभिक याचिका में न तो भरण-पोषण की कोई मांग की गई थी और न ही बच्चों द्वारा आर्थिक उपेक्षा का कोई आरोप।

    अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन नहीं

    अदालत ने कहा, “अधिनियम 2007 एक लाभकारी क़ानून है, लेकिन इसका उपयोग बिना वैधानिक आवश्यकताओं का पालन किए *त्वरित बेदखली के उपकरण* के रूप में नहीं किया जा सकता। इस मामले में आवेदन *सेक्शन 4 और 5* की शर्तों को पूरा नहीं करता, इसलिए यह बनाए रखने योग्य नहीं है।”

    अदालत ने यह भी कहा कि ट्रिब्यूनल और अपीलीय ट्रिब्यूनल ने आवेदन में दिए गए तथ्यों पर पर्याप्त विचार नहीं किया।

    वरिष्ठ नागरिक के दावे असंगत और अस्पष्ट

    वरिष्ठ नागरिक ने केवल यह कहा था कि उन्हें डायबिटीज, अर्थराइटिस और चलने में दिक्कत है, इसलिए ग्राउंड फ्लोर का बंगलो उनके लिए सुविधाजनक रहेगा।

    अदालत ने इसे “अस्पष्ट और अपूर्ण दावा” बताया। कोर्ट ने पूछा कि जब वरिष्ठ नागरिक के पास पहले से ही 1600 sq.ft. का चार बेडरूम फ्लैट है, तो वह चलने-फिरने में कठिनाई होने के बावजूद दो मंज़िला बंगले में क्यों शिफ्ट होना चाहते हैं? साथ ही, वरिष्ठ नागरिक कभी भी बंगले में नहीं रहे, इसलिए भावनात्मक लगाव का सवाल भी नहीं उठता।

    सेक्शन 5 का उद्देश्य भरण-पोषण की जरूरत पूरी करना है

    अदालत ने स्पष्ट किया कि सेक्शन 5 तभी लागू होता है जब वरिष्ठ नागरिक *अपने खर्चे उठाने में असमर्थ हों* या बच्चों से भरण-पोषण चाहते हों। यहाँ वरिष्ठ नागरिक ने कभी भी कोई भरण-पोषण की मांग नहीं की।

    इसलिए, अदालत के अनुसार **सेक्शन 5(2)** के तहत दायर आवेदन प्रारंभ से ही अस्थिर था।

    बेटे के पास रहने के लिए और कोई घर नहीं

    रिकॉर्ड से यह भी सामने आया कि वरिष्ठ नागरिक आर्थिक रूप से सक्षम हैं और उनके पास कई अन्य आवासीय व वाणिज्यिक संपत्तियाँ हैं। इसके विपरीत, बेटे के पास विवादित संपत्ति के अलावा **कहीं और रहने की जगह नहीं** थी।

    अंतिम आदेश

    अदालत ने कहा कि आवेदन बनाए रखने योग्य नहीं था और ट्रिब्यूनल तथा अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश *कानूनी परीक्षण पर खरे नहीं उतरते*।

    इसलिए, कोर्ट ने दोनों आदेश **क्वैश** कर दिए और बेटे की बेदखली पर रोक लगा दी।

    Next Story