बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'अंडमान बिग ब्रो' के‌ खिलाफ दिया अंतरिम रोक का आदेश, एंडेमोल के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल रोकने को कहा

LiveLaw News Network

26 Feb 2020 12:41 PM IST

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने अंडमान बिग ब्रो के‌ खिलाफ दिया अंतरिम रोक का आदेश, एंडेमोल के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल रोकने को कहा

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एंडेमोल शाइन ग्रुप को अंतरिम राहत देते हुए अंडमान एक्सटासी प्राइवेट लिमिटेड को अपने शो के लिए 'अंडमान बिग ब्रो' के नाम का प्रयोग नहीं करने का आदेश दिया। शाइन ग्रुप के पास 'बिग ब्रदर' ट्रेडमार्क का स्वामित्व है।

    न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला ने वाणिज्यिक मामले के तहत एंडेमोल शाइन ग्रुप के अंतरिम आवेदन पर सुनवाइ की, जिसमें अंतरिम राहत की मांग की गई थी।

    वादी के वकील हीरेन कामोद ने कहा कि एंडेमोल इस ट्रेडमार्क का पहला कॉपीराइट धारक है और 'बिग ब्रदर' कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत मूल साहित्यिक कृति है। इसका पहला शो 1998 में दिखाया गया था। यह पूरी दुनिया में लोकप्रिय हुआ, जिसके बाद एंडेमोल ने 'बिग ब्रदर' फ़ॉर्मैट का लाइसेन्स दुनिया के कई संस्थाओं को दिया,ताकि वे बिग ब्रदर के प्रोडक्शन को अपने हिसाब से अडैप्ट कर सकें।

    एंडेमोल की जैसी परिपाटी रही है, उसके हिसाब से 'बिग ब्रदर' के स्थानीय वर्ज़न के प्रोडक्शन का फ़ॉर्मैट एक ब्रॉडकास्टर को जारी किया जाता है और ब्रॉडकास्टर इसके बदले में किसी संस्था को उस भाषा और फ़ॉर्मैट में इसके प्रोडक्शन की ज़िम्मेदारी सौंपता है। एंडेमोल इंडिया (वादी नंबर 3) का "बिग बॉस' उसी प्रोडक्शन बाइबल के शो 'बिग ब्रदर' पर आधारित है हालांकि, उन्होंने भारतीय रीएलिटी टीवी शो में कुछ मामूली हेरफेर किया है।

    कामोद ने कहा कि बिग बॉस हर सीज़न में अपने विशिष्ट डिवाइस 'आंख' का प्रमुख रूप से प्रयोग करता है, जो बिग बॉस की मुख्य पहचान है। आंख का यह डिवाइस न केवल 'बिग बॉस' में होता है बल्कि एंडेमोल के अन्य 'बिग ब्रदर' टीवी शो में भी दिखाया जाता है।

    उन्होंने कहा कि प्रतिवादी न केवल इसी से मिलता-जुलता और/या इसी तरह का निशान 'बिग बॉस' (अपने "अंडमान बिग बॉस" शो) में दिखाता है, बल्कि वैसे ही आंख जैसी डिवाइस का प्रयोगभी करता है जो कि एंडेमोल के 'बिग ब्रदर' का ट्रेडमार्क है। कामोद ने कहा कि 'बिग बॉस' में जिस तरह का टैगलाइन दिखाई जाती है, प्रतिवादियों ने उसकी भी नकल की है।

    वादियों ने सोशल मीडिया में जारी किए गए एक विज्ञापन का भी ज‌िक्र किया, जिसमें इस शो में पंजीकरण के बारे में जानकारी थी। इसके बाद 5 नवंबर 2019 को एंडेमोल इंडिया ने प्रतिवादियों को एक सीज एंड डिजिस्ट नोटिस जारी किया और शो के विज्ञापन को रोकने और इससे बाज़ आने को कहा।

    इस नोटिस के जारी किए जाने के बाद बचाव पक्ष ने वादियों के वकील से फोन पर संपर्क किया और कहा कि उनका मंतव्य वादियों के अधिकारों का अतिक्रमण करना नहीं है। वे यूट्यूब वीडियो और फेसबुक पोस्ट को वापस ले लेंगे और शो का नाम बदल देंगे।

    हालांकि, वादियों ने पाया कि बचाव पक्ष ने शो का नाम बदलकर 'अंडमान बिग ब्रो' तो कर दिया, मगर यूट्यूब वीडियो और फेसबुक पोस्ट वापस नहीं लिए।

    दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने कहा,

    "…बचाव पक्ष का आंख जैसी डिवाइस और बिग बॉस मार्क वादी के 'आई डिवाइस/बिग बॉस' मार्क का रिप्रोडक्शन है। मैं कामोद की इस दलील से सहमत हूं कि बचाव पक्ष अपने फायदे के लिए लोगों की आंखों में धूल झोंक रहा है। इसलिए वादियों को अंतरिम राहत दी जाती है।"

    आदेश डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें




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