भीमा-कोरेगांव | सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए आरोपी शोमा सेन की जमानत पर सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए स्थगित की

LiveLaw News Network

7 Dec 2023 12:47 PM GMT

  • भीमा-कोरेगांव | सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए आरोपी शोमा सेन की जमानत पर सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए स्थगित की

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी इंग्लिश प्रोफेसर शोमा सेन की जमानत याचिका पर सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए स्‍थगित कर दी। सुप्रीम कोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ शोमा सेन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने शोमा सेन को जमानत के लिए स्पेशल कोर्ट से संपर्क करने के लिए कहा था।

    सुनवाई के दरमियान सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया किया कि उन्हें यह जांच करनी होगी कि क्या मामले में दायर पूरक आरोपपत्रों में शोमा सेन के खिलाफ कोई नए आरोप लगाए गए थे और क्या इन्हें हाईकोर्ट के समक्ष रिकॉर्ड पर लाया गया था? जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड नूपुर कुमार के माध्यम से सेन की ओर से दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती दी गई थी।

    प्रोफेसर शोमा सेन को पुणे के भीमा कोरेगांव में 2018 में हुई जाति-आधारित हिंसा और प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के साथ कथित संबंध के कारण जून 2018 में उन्हें गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में बंद हैं।

    शीर्ष अदालत ने इस साल मई में सह-अभियुक्त ज्योति जगताप की जमानत याचिका के साथ सेन की विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दरमियान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने मामले को ट्रायल कोर्ट के पास भेजने के हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल उठाया और तर्क दिया कि उसे सेन के आवेदन पर उसकी योग्यता के आधार पर विचार करना चाहिए था।

    उन्होंने कहा, "हाईकोर्ट या सेशन कोर्ट अपने समवर्ती क्षेत्राधिकार का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक अपील पर सुनवाई कर रहे हैं। इसलिए, हाईकोर्ट सही नहीं था और उसे इसकी मेरिट के आधार पर सुनवाई करनी चाहिए थी। इस न्यायालय को हाईकोर्ट के निष्कर्षों का लाभ नहीं मिल रहा है। दूसरा, सभी सामग्री को इस अदालत के समक्ष रखा जाना चाहिए और इसकी जांच की जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने इन पहलुओं पर विचार नहीं करने और मामले को निचली अदालत में भेजने में गलती की है।"

    इस बिंदु पर जस्टिस बोस ने स्पष्ट किया, "हम इसे ध्यान में रखेंगे। आपका मामला यह है कि हाईकोर्ट को इस सामग्री की जांच करने का अवसर नहीं मिला?" सुप्रीम कोर्ट आज (7 दिसंबर) मामले की सुनवाई जारी रखने वाला था, हालांकि पीठ की संरचना में बदलाव के कारण अगली सुनवाई बुधवार, 10 जनवरी को होगी।

    नागपुर यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी साहित्य की प्रोफेसर शोमा सेन के साथ-साथ 15 अन्य लोगों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पुणे के भीमा कोरेगांव में जातीय हिंसा के मामले में जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है, हालांकि उनमें से एक - जेसुइट पादरी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का जुलाई 2021 में निधन हो गया।

    केस ‌डिटेलः शोमा कांति सेन बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य। | विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक) संख्या 4999/2023

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