भारतीय न्याय संहिता में लापरवाही से मौत का कारण बनने वाले डॉक्टरों को अन्य अपराधियों की तुलना में कम सजा देने का प्रावधान
Shahadat
21 Dec 2023 3:27 PM IST
भारतीय दंड संहिता 1860 को प्रतिस्थापित करने वाली भारतीय न्याय संहिता 2023 ने मेडिकल लापरवाही से मौत की सजा के संबंध में डॉक्टरों के लिए विशेष वर्गीकरण तैयार किया।
हालांकि, संहिता लापरवाही से मौत के लिए सजा को बढ़ाकर 5 साल तक कारावास किया गया। अगर ऐसी मौत किसी डॉक्टर के कारण होती है तो सजा 2 साल तक कारावास है। गौरतलब है कि मौजूदा कानून के मुताबिक, आईपीसी की धारा 304ए के तहत लापरवाही से मौत होने पर 2 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। आईपीसी की धारा 304ए में डॉक्टरों के लिए कोई अलग वर्गीकरण नहीं है।
बीएनएस का खंड 106 लापरवाही से मौत के लिए अधिकतम सजा को 2 साल की कैद से बढ़ाकर 5 साल की कैद तक करता है; हालांकि, जहां तक डॉक्टरों का सवाल है, अधिकतम सज़ा 2 साल की कैद होगी। मेडिकल लापरवाही से मौत के मामलों में डॉक्टरों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा।
शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता के प्रारंभिक संस्करण में डॉक्टरों के संबंध में कोई वर्गीकरण नहीं था। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अनुरोध पर विचार करते हुए डॉक्टरों की सजा के संबंध में संशोधन पेश किया गया।
क्लॉज 106 'हिट एंड रन' मामलों के लिए कड़े दंड का भी प्रावधान करता है। यदि कोई ड्राइवर तेजी और लापरवाही से गाड़ी चलाकर किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है और पुलिस या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना गाड़ी चलाता है, तो उसे दस साल तक की कैद की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।