BCI अध्यक्ष ने दिल्ली बार एसोसिएशनों से पुलिस अधिकारियों की गवाही पर अधिसूचना के खिलाफ हड़ताल टालने का आग्रह किया
Shahadat
6 Sept 2025 4:37 PM IST

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा ने राष्ट्रीय राजधानी में बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति को पत्र लिखकर 8 सितंबर को वकीलों द्वारा की जाने वाली हड़ताल को टालने या वापस लेने का अनुरोध किया। दिल्ली के एलजी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों में पुलिसकर्मियों की गवाही से संबंधित अधिसूचना का विरोध किया जा रहा है।
मिश्रा ने समन्वय समिति को सोमवार शाम 5 बजे BCI और दिल्ली बार काउंसिल के साथ एक संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया ताकि विचार-विमर्श और स्पष्टीकरण के लिए एक उचित मंच प्रदान किया जा सके।
13 अगस्त को दिल्ली के एलजी (Delhi LG) वीके सक्सेना ने अधिसूचना जारी कर दिल्ली के सभी पुलिस थानों को पुलिसकर्मियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों में गवाही देने और साक्ष्य प्रस्तुत करने के स्थान के रूप में नामित किया।
बार के विरोध के बाद दिल्ली पुलिस ने 4 सितंबर को सर्कुलर जारी किया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि केवल औपचारिक पुलिस गवाहों से ही पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ की जा सकेगी।
हालांकि, समन्वय समिति ने शुक्रवार को सर्कुलर जारी कर सोमवार को इस आधार पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया कि पुलिस परिपत्र अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासनों के विपरीत है।
अपने पत्र में मिश्रा ने कहा है कि बार-बार काम से अनुपस्थित रहने से विचाराधीन कैदियों और अपराध पीड़ितों सहित वादियों और दिल्ली की अदालतों में अपने पेशेवर कर्तव्यों का निर्वहन करने के इच्छुक वकीलों को गंभीर कठिनाई हो रही है।
उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने का अधिक रचनात्मक तरीका यह होगा कि पहले से प्राप्त रियायतों को और बढ़ाया जाए और कानूनी पेशे के सर्वोच्च प्रतिनिधि निकायों के साथ इस मामले पर चर्चा की जाए।
पत्र में आगे कहा गया कि संयुक्त बैठक विचार-विमर्श और स्पष्टीकरण के लिए उचित मंच प्रदान करेगी और उक्त बैठक में भाग लेकर समन्वय समिति बार की गरिमा को बनाए रखेगी, वादियों को अनावश्यक कठिनाई से बचाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि बार एसोसिएशन हर समय बिना किसी कारण के हड़ताल पर न जाएं।
पत्र में कहा गया,
"इसलिए मैं अपील करता हूं कि हड़ताल/कार्य से परहेज़ का आह्वान स्थगित/वापस लिया जाए और समन्वय समिति को BCI और दिल्ली बार काउंसिल के साथ प्रस्तावित बैठक में भाग लेने के लिए सहमत किया जाए। यह रचनात्मक कदम न केवल अब तक हुई ठोस प्रगति को आगे बढ़ाएगा, बल्कि बार को यह सुनिश्चित करने के लिए एक मज़बूत मंच भी प्रदान करेगा कि उसकी आवाज़ सुनी जाए, उस पर कार्रवाई की जाए और उसका महत्व हो।"
आगे कहा गया,
"इसके अलावा, बार खुद का उपहास या आलोचना का शिकार नहीं बनेगा, न ही जनता के बीच यह धारणा बनाएगा कि दिल्ली बार एसोसिएशन बार-बार हड़ताल करती है, यहां तक कि उन मामलों के लिए भी जो मामूली या बिना किसी पर्याप्त कारण के प्रतीत हो सकते हैं। ऐसी धारणाओं से बचकर, वादियों और समाज की नज़र में बार की गरिमा और विश्वसनीयता बनी रहेगी।

