बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सोली सोराबजी को दी श्रद्धांजलि; भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर श्री सोली जे सोराबजी मेमोरियल लेक्चर की स्‍थापना की

LiveLaw News Network

7 May 2021 6:37 PM IST

  • बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सोली सोराबजी को दी श्रद्धांजलि; भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर श्री सोली जे सोराबजी मेमोरियल लेक्चर की स्‍थापना की

    बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने श्री सोली जे सोराब की स्मृति में एक आभासी श्रंद्धांजलि बैठक का आयोजन किया। बैठक में देश के कई शीर्ष वकील, जो सोराब जी को व्यक्तिगत रूप से जानते थे, बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य, और वकील शामिल हुए।

    बैठक में स्वर्गीय श्री सोराबजी के परिवार के सदस्य भी मौजूद थे, जिसमें उनकी पत्नी सुश्री ज़ेना सोराबजी, बेटी ज़िया मोदी, बेटे जहांगीर और होर्माज्‍़द सोराबजी और शामिल थे। स्वर्गीय श्री सोली जे सोराबजी असाधारण वकील थे, जिन्हें भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के चैंपियन के रूप में जाना जाता था।

    2004 से 2008 तक, चार सालों का अंतराल छोड़कर, वह जीवन के अंतिम क्षण तक, यानी 30 अप्रैल 2021 तक बीएआई के पदाधिकारी बने रहे। वह बीएआई के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे; एटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया की हैसियत से वह ऑनरेरी चैयरमैन (एक्स ऑफिसियो) रहे और लगभग 28 वर्षों तक बीएआई के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे।

    भारत के अटॉर्नी जनरल, श्री केके वेणुगोपाल, जो बीएआई के ऑनरेरी चैयरमैन (एक्स ऑफिसियो) हैं, ने श्रद्धांजलि बैठक की शुरुआत की, जिसके बाद बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री प्रशांत कुमार ने बैठक को संबोधित किया।

    सोली सोराबजी के दोस्तों/सहयोगियों/संबंधियों ने, जिसमें अमरजीत सिंह चंदीहोक, वरिष्ठ अधिवक्ता, अध्यक्ष चयनित-बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया, जनक द्वारका दास, वरिष्ठ अधिवक्ता, श्री एसएस नागानंद, वरिष्ठ अधिवक्ता, श्री अरविंद पी दातार, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री चंदर उदय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता, श्री जयदीप गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता, श्री कृष्णन वेणुगोपाल, वरिष्ठ अधिवक्ता, श्री श्याम दीवान, वरिष्ठ अधिवक्ता, सुश्री पिंकी आनंद, वरिष्ठ अधिवक्ता और सुश्री ज़िया मोदी, अधिवक्ता ने उनके बारे में कई दिलचस्प किस्से सुनाए और कई अंजान पहलुओं के बारे में सभा को अवगत कराया। बैठक में कई कानूनी प्रकाशकों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए।

    बैठक में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि "वह मेरे व्यक्तिगत दोस्त थे" ... "सोली एक अच्छे दोस्त थे और शानदार व्यक्ति थे.........वह एक अंतरराष्ट्रीय व्यक्तित्व था।"

    एजी ने विदेशों के अपने प्रख्यात दोस्तों का भी उद्धरण दिया।

    डोरोथी नेल्सन, जज, यूएस सुप्रीम कोर्ट ऑफ अपील्सः "मैं उनके शानदार मस्‍तिष्क से बहुत प्रभावित था, लेकिन उनकी गर्मजोशी और दोस्ताना आतिथ्य और भी अधिक था।"

    एंथनी लेस्टर, लॉर्ड लेस्टर ऑफ बैरन हिल, ने कहा, "सोली भारत और बाहर जीवनपर्यंत न्याय और मानव अधिकारों के लिए प्रयत्नशील व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध रहे थे। वह स्वतंत्र थे" ... "वह स्वतंत्र और निष्पक्ष अटॉर्नी जनरल थे और वह शक्तिशाली और सिद्धांत वाले ऐडवोकेट थे।"

    बैरन हिल के लॉर्ड लेस्टर के एंथनी लेस्टर ने कहा, "सोली अपने जीवन में भारत में और इसके बाद भी न्याय और मानव अधिकारों की खोज के लिए प्रसिद्ध थे। वह एक स्वतंत्र थे" ... "वह एक स्वतंत्र और निष्पक्ष अटॉर्नी जनरल थे और उन्होंने एक शक्तिशाली और सिद्धांत के पैरोकार। "

    ज़िया मोदी ने अपने पिता को याद करते हुए कहा, ".. मुझे याद है कि डैडी ने हर बार मुझे क्या कहते थे, जब मैं किसी मामले में नर्वस हो जाती। वह कहते, तुम अपने सारे भाइयों को प्रार्थना करने को कह दो, लेकिन तुम्हारी हर रात मुख्य प्रार्थना होगी कि कल तुम्हारा वरिष्ठ बीमार पड़ जाए और तुम इस मामले पर बहस करें। "

    उन्होंने मार्मिक शब्दों के साथ अपना वक्तव्य खत्म किया, "मैं अपने पिता को शारीरिक रूप से अलविदा कहती हूं, लेकिन मैं आशा करती हूं कि आप हमेशा हर एक स्मृति को संजोएंगे, जो आपके पास है।"

    बैठक का समापन www.theprobe.in पर मौजूद सोली सोराबजी के एक साक्षात्कार के प्रसारण के साथ हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि, "यदि आप स्वतंत्र नहीं हैं, तो आपकी आत्मा बिक जाती है, और यदि आप अपनी आत्मा बेचते हैं, और यदि आप अपनी आत्मा बेचते हैं तो आप भारत में लोकतंत्र की आत्मा को बेचते हैं।"

    उन्होंने आगे कहा, " स्वतंत्र पत्रकारिता के बिना लोकतंत्र शून्य है।"

    अपनी अंतिम सांस तक उन्होंने भाषण, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार के सर्वोच्च मूल्य को बनाकर रखा।

    पूरे कार्यक्रम को बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं-


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