(बाबरी मस्जिद विध्वंस ट्रायल) कोर्ट में उमा भारती ने कहा, "भगवान राम के प्रति समर्पण की भावना के साथ मैंने मंदिर अभियान में भाग लिया"
LiveLaw News Network
4 July 2020 12:18 PM IST
भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती गुरुवार को 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत के समक्ष पेश हुईं। अदालत में उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन कांग्रेस नीत केंद्र सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उन्हें दोषी फंसाया था।
भारती ने आरोप लगाया कि तत्कालीन केंद्र सरकार ने बाबरी विध्वंस मामले में उनके और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी अपने राजनीतिक इरादों को पूरा करने के लिए दर्ज कराई थी, और मनगढ़ंत सबूतों के आधार पर उन्हें राजनीतिक दबाव में झूठा फंसाया गया।
अभियोजन एजेंसी, सीबीआई की ओर से पेश सबूतों का खंडन करते हुए, उन्होंने कहा कि राजनीतिक दुश्मनी के कारण गवाहों ने उनके खिलाफ बयान दिया।
भारती सीआरपीसी की धारा 313 के तहत विशेष सीबीआई जज एसके यादव के समक्ष पेश हुई थीं। इन कार्यवाहियों के तहत, ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को अपनी बेगुनाही और अभियोजन पक्ष के साक्ष्य का खंडन करने का अधिकार दिया है।
उमा भारती ने कहा कि वह अपने बचाव में सबूत पेश करेंगी। इस मामले में कुल 32 आरोपी हैं।
उमा भारती ने खुद को "रामभक्त" कहते हुए कहा कि उन्होंने (राम मंदिर) अभियान में पूरे विश्वास और भगवान राम के प्रति समर्पण की भावना के साथ भाग लिया।
भारती ने कहा, "जहां तक हमारा संबंध है, मैं एक रामभक्त (भगवान राम की भक्त) हूं। सभी को भगवान राम में विश्वास है, और मुझे भी उन पर विश्वास है। मैंने पूरी श्रद्धा और भगवान राम के प्रति समर्पण की भावना के साथ अभियान में भाग लिया और इसके लिए, मैं हमेशा खुद को 'गौरवशाली' मानूंगी। मुझे हमेशा गर्व रहेगा कि मैंने इस अभियान में हिस्सा लिया। "
भारती ने कहा कि जब उन्होंने मंदिर अभियान में हिस्सा लिया था, तब वह दूसरी बार सांसद थीं।
उन्होंने यह भी कहा, "मैं इस बात से संतुष्ट और गर्व महसूस करूंगी कि मेरा जीवन गंगा, तिरंगा, गौ, गरीब नारी और राम के लिए तैयार है।"
विशेष सीबीआई अदालत वर्तमान में सीआरपीसी की धारा 313 (अभियुक्तों की जांच करने के लिए अदालत की शक्ति) के तहत 32 अभियुक्तों के बयान दर्ज कर रही है।
भाजपा की वरिष्ठ नेता ने अदालत से बाहर आने के बाद कहा, "मैं भारत के कानून को वेद, न्यायालय को मंदिर और न्यायाधीश को भगवान का रूप मानती हूं। मैंने जो कुछ भी कोर्ट में कहा है, उस पर टिप्पणी नहीं कर सकती हूं , क्योंकि उन पर फैसला आना बाकी है।"
उन्होंने कहा, "मैं निश्चित रूप से कहूंगी कि यह लड़ाई लंबे समय से हो रही थी- 500 साल से। मुझे संदेह है कि पूरी दुनिया में कोई भी ऐसा अभियान होगा, जो 5 शताब्दियों तक चला, और उन 5 शताब्दियों में यह तीव्र ही होता हो गया। और अंततः, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया।"
उमा भारती ने कहा, "जिस तरह से भारत फैसले का स्वागत किया गया, उसने दुनिया में देश की छवि को उज्ज्वल किया। जहां तक भारत का संबंध है, यह माना जाता रहा है कि यहां धार्मिक विभाजन आम है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जैसी एकता दिखी, उसने भारत के लिए गौरव की परंपरा स्थापित की।
उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जरिए अयोध्या मामले की भव्य परिणति, 500 साल पुराना अभियान और लोगों द्वारा फैसले को स्वीकार करना अभीभूत करने वाला है, और हमारे लिए गर्व की बात है।"
61 वर्षीय भगवाधारी भाजपा नेता 27 साल से अधिक पुराने मामले में अदालत के सामने पेश होने वालीं 19वीं आरोपी हैं।
मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और भाजपा के वरिष्ठ नेता एमएम जोशी और कल्याण सिंह सहित तेरह अन्य आरोपियों की पेशी अभी होनी है।
मामले में वकीलों ने सीबीआई अदालत से कहा है कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होना पसंद करेंगे।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर, 1992 में अयोध्या स्थिति बाबरी मस्जिद को 'कारसेवकों' ने ध्वस्त कर दिया था, जिनका दावा था कि उसी स्थान पर राम मंदिर था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सीबीआई अदालत 31 अगस्त तक सुनवाई पूरी करने के लिए दिन-प्रतिदिन सुनवाई कर रही है।