गौतमबुद्ध नगर कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों पर हमला: सुप्रीम कोर्ट ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को गैरहाजिर रहने पर चेतावनी दी

Shahadat

4 Feb 2025 9:29 AM IST

  • Do Not Pass Adverse Orders If Advocates Are Not Able To Attend Virtual Courts

    गौतमबुद्ध नगर जिला कोर्ट में वकीलों की हड़ताल के दौरान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के दो सदस्यों पर हमले के बाद शुरू किए गए स्वत: संज्ञान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जन पथ दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन, गौतमबुद्ध नगर के अध्यक्ष और सचिव को नए नोटिस जारी किए।

    जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील द्वारा वकालतनामा वापस लेने को ध्यान में रखते हुए यह आदेश पारित किया।

    अध्यक्ष और सचिव को अगली तारीख पर पेश होने के लिए कहा गया। साथ ही स्पष्ट किया गया कि उनके पेश न होने को गंभीरता से लिया जाएगा।

    जस्टिस गवई ने कहा,

    "जन पथ दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन, गौतमबुद्ध नगर के अध्यक्ष और सचिव को नया नोटिस जारी किया जाए, जिसका जवाब 17 फरवरी को दिया जाए। नोटिस गौतमबुद्ध नगर जिला कोर्ट के रजिस्ट्रार के माध्यम से दिया जाए। नोटिस में कहा जाएगा कि यदि एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव अगली तारीख पर इस न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने में विफल रहते हैं तो न्यायालय इस मुद्दे पर विचार करने के लिए आगे बढ़ेगा और उचित आदेश पारित करेगा। हम स्पष्ट करते हैं कि एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव द्वारा इस न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने से बचना गंभीरता से लिया जाएगा।"

    बता दें कि अप्रैल, 2024 में न्यायालय ने जिला कोर्ट में सीसीटीवी कैमरों के काम न करने पर उत्तर प्रदेश राज्य को नोटिस जारी किया था। वर्तमान सुनवाई की शुरुआत में एएजी गरिमा प्रसाद (यूपी के लिए) ने बताया कि राज्य ने नए सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए लगभग 82 करोड़ रुपये जारी किए।

    अपनी ओर से सीनियर एडवोकेट गौरव भाटिया (गौतमबुद्ध नगर जिला कोर्ट में मारपीट करने वाले दो वकीलों में से एक) ने प्रस्तुत किया कि इसमें शामिल मुद्दा कहीं अधिक बड़ा है। जिला कोर्ट में हड़ताल के मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कई न्यायालय ऐसे हैं, जहां नियमित रूप से हड़ताल हो रही है और वकीलों को न्यायिक कार्यवाही में भाग न लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

    गौतमबुद्ध नगर बार के संबंध में भाटिया ने आरोप लगाया कि यदि अन्य क्षेत्रों के वकील जिला कोर्ट में उपस्थित होते हैं तो उन्हें "बाहरी" कहा जाता है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। उन्होंने आगे दावा किया कि वकील जिला जज (और अन्य न्यायालयों) के समक्ष बिना बैंड के उपस्थित होते हैं। यहां तक ​​कि जिला जज ने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र भी लिखा, लेकिन जन पथ दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया।

    सीनियर एडवोकेट ने गौतमबुद्ध नगर जिला कोर्ट में अपनी महिला सहकर्मी के साथ दुर्व्यवहार करने वाले वकीलों की पहचान करने का भी आह्वान किया और बताया कि ऐसा करने की जिम्मेदारी बार एसोसिएशन को दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले महीने अन्य वकील के साथ मारपीट की गई, जिसने सहायता मांगने के लिए उनसे संपर्क किया।

    उन्होंने कहा,

    "ये घटनाएं बार-बार हो रही हैं। ये इन 2 घटनाओं के बाद भी हो रही हैं।"

    प्रस्तुतियां सुनने के बाद तथा जन पथ दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील द्वारा वकालतनामा वापस लेने के बाद न्यायालय ने नए नोटिस जारी किए।

    केस टाइटल: जिला कोर्ट परिसर, गौतमबुद्ध नगर में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के दो सदस्यों पर हमला बनाम एसएमडब्लू (सी) संख्या 3/2024

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