क्या वर्चुअल सुनवाई हो रही है? अगर नहीं, तो क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्टों, एनसीएलएटी, एनसीडीआरसी और एनजीटी से पूछा
Avanish Pathak
15 Sept 2023 10:31 AM
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सभी हाईकोर्टों के रजिस्ट्रार जनरलों और राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी), राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) और राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के रजिस्ट्रारों से हलफनामे पर यह बताने को कहा क्या वे वे वर्चुअल सुनवाई जारी रखने की अनुमति दे रहे हैं?
कोर्ट ने कहा, अगर हाइब्रिड सुनवाई का विकल्प बंद कर दिया गया है तो कारण बताया जाना चाहिए।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश पारित किया, जिसमें शिकायत की गई थी कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने वर्चुअल सुनवाई पूरी तरह से बंद कर दी है।
याचिकाकर्ता सर्वेश माथुर, जो व्यक्तिगत रूप से पक्षकार के रूप में उपस्थित हुए, उन्होंने कहा कि वर्चुअल सुनवाई का विकल्प COVID महामारी के दौरान उपलब्ध था, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा, "इसे हमारे ध्यान में लाने के लिए धन्यवाद... हम कुछ ऐसा करेंगे, जिसे करने के लिए हम लंबे समय से सोच रहे हैं... हम उन हाईकोर्टों से पूछेंगे, जिन्होंने वर्चुअल सुनवाई को रद्द कर दिया है।"
मामले की सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
पीठ ने केवल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को बल्कि अन्य सभी हाईकोर्टों को भी नोटिस जारी करने का निर्णय लिया। इस बिंदु पर एक अन्य वकील ने उल्लेख किया कि ट्रिब्यूनल भी वर्चुअल सुनवाई की अनुमति नहीं दे रहे हैं। फिर, पीठ ने एनसीएलएटी, एनसीडीआरसी और एनजीटी को नोटिस जारी करने का फैसला किया।
एक अन्य वकील ने अनुरोध किया कि ऋण वसूली न्यायाधिकरणों को भी नोटिस जारी किया जाना चाहिए। हालांकि, सीजेआई ने कहा कि देश भर के सभी डीआरटी को नोटिस जारी करने में समय लग सकता है और कहा कि पीठ पहले तीन न्यायाधिकरणों से प्रतिनिधि आधार पर निपटेगी।
पीठ ने केंद्रीय मंत्रालयों को नोटिस देने का भी निर्देश दिया और विभिन्न मंत्रालयों के तहत डीआरटी और अन्य न्यायाधिकरणों के संबंध में भारत के सॉलिसिटर जनरल से सहायता का अनुरोध किया।
उल्लेखनीय है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ हाइब्रिड सुनवाई के प्रबल समर्थक हैं। फरवरी 2023 में वर्चुअल सुनवाई की मांग वाली एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्होंने ने ई-कोर्ट के बुनियादी ढांचे में भारी निवेश के बावजूद, हाईकोर्टों द्वारा वर्चुअल सुनवाई को रद्द करने पर खुली अदालत में अपनी पीड़ा व्यक्त की थी।
मई 2023 में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा था कि उन्होंने हाइब्रिड सुनवाई की स्थिति के संबंध में सभी चीफ जस्टिसों को पत्र लिखा है।
केस टाइटल: सर्वेश माथुर बनाम रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट| डब्ल्यूपी (सीआरएल) नंबर 351/2023