सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यूपी सरकार ने तैयार किए गैंगस्टर्स एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश

Shahadat

15 May 2025 5:34 AM

  • सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यूपी सरकार ने तैयार किए गैंगस्टर्स एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1986 (Uttar Pradesh Gangsters and Anti-Social Activities (Prevention) Act, 1986.) के प्रावधानों के लागू होने के संबंध में मानदंड/दिशा-निर्देश निर्धारित किए।

    सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल, 2024 में ने एक्ट के तहत गिरफ्तार व्यक्ति के मामले पर विचार करते हुए सरकार से कुछ दिशा-निर्देश निर्धारित करने की वांछनीयता पर विचार करने को कहा था। इस पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने न केवल दिशा-निर्देश निर्धारित किए, बल्कि यह भी पाया कि न्यायालय के समक्ष मामले में अधिनियम के प्रावधानों का लागू होना उचित नहीं था।

    बुधवार को यह मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।

    खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया,

    "दिशानिर्देशों के आलोक में प्रतिवादियों ने याचिकाकर्ता के मामले पर विचार किया और यह पाया गया कि अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होते हैं। ऐसा होने पर हाईकोर्ट के विवादित निर्णय को रद्द किया जाता है। दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सक्षम प्राधिकारी द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार तत्काल अपील का निपटारा किया जाता है। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि प्रवर्तन एजेंसियों को उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा और निर्धारित सभी जांच चौकियों का पालन करना होगा।"

    संक्षेप में मामला

    इस मामले में शामिल मुद्दा यह था कि क्या याचिकाकर्ता/आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट के तहत कोई प्रथम दृष्टया मामला बनता है। नोटिस जारी होने के बाद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज (उत्तर प्रदेश सरकार के लिए) ने निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा और बाद में अदालत को सूचित किया कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट लागू करने से पहले पालन किए जाने वाले कुछ दिशानिर्देश/मापदंड निर्धारित करने पर विचार कर रही है।

    पिछले साल दिसंबर में ASG ने कोर्ट को बताया कि दिशा-निर्देश तैयार कर लिए गए हैं। राज्य ने अपनी ओर से एक अनुपालन हलफनामा दायर किया, जिसमें बताया गया कि एक्ट के तहत बनाए गए 2021 नियमों के साथ दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश देते हुए आगे के आदेश जारी किए गए हैं। गैंग चार्ट तैयार करने के संबंध में इन निर्देशों में कथित तौर पर अधिकारियों को आगाह किया गया कि किसी भी लापरवाही की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

    बुधवार को अपना आदेश पारित करते हुए न्यायालय ने आगे कहा कि सरकार द्वारा 29 बिंदुओं की चेकलिस्ट और निर्देश जारी किए गए, जिसमें उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो संबंधित दिशा-निर्देशों/नियमों का पालन करने में उदासीन या अनभिज्ञ पाए जाएंगे।

    मामले की पृष्ठभूमि

    2018 में दर्ज FIR के अनुसार, याचिकाकर्ता के खिलाफ यूपी गैंगस्टर्स एक्ट की धारा 3(1) के तहत मामला दर्ज किया गया, जो एक्ट की धारा 2(बी) के तहत परिभाषित गिरोह का सदस्य होने के लिए दंड निर्धारित करता है। FIR रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, यह याचिका खारिज कर दी गई।

    न्यायिक उदाहरणों के आधार पर हाईकोर्ट ने कहा था,

    "जब तक कि FIR में निहित आरोपों से संज्ञेय अपराध स्पष्ट रूप से दिखाई न दे या किसी मामले की जांच करने के लिए पुलिस की शक्ति पर कोई वैधानिक प्रतिबंध न हो, तब तक जांच में हस्तक्षेप या गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई जा सकती।"

    तथ्यों के आधार पर यह प्रथम दृष्टया यह नहीं कह सकता कि कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता।

    हाईकोर्ट के निर्णय से व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

    कार्यवाही लंबित रहने के दौरान, 2 फरवरी, 2024 को अधिकारियों ने आरोप पत्र दाखिल किया।

    सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे मामले को निरर्थक बनाने का प्रयास बताया।

    न्यायालय ने आदेश में दर्ज किया,

    "प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेट ने इन कार्यवाही को निरर्थक बनाने के लिए अनिवार्य कार्रवाई करके इस न्यायालय को प्रभावित करने का प्रयास किया है।"

    इसने यह भी निर्देश दिया कि आरोप पत्र को स्थगित रखा जाए और आगे की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।

    केस टाइटल: गोरख नाथ मिश्रा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य, डायरी नंबर 2673/2023

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