'वकील द्वारा हलफनामे को सत्यापित करना उसकी विषयवस्तु के लिए ज़िम्मेदार नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने वकील के खिलाफ 'दुर्भावनापूर्ण' शिकायत खारिज की
Shahadat
25 Sept 2025 9:53 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई वकील केवल हलफनामे को सत्यापित करता है या उसके अभिसाक्षी की पहचान करता है, उससे उसमें दिए गए बयानों की सत्यता या शुद्धता की ज़िम्मेदारी नहीं लेता।
मुंबई स्थित वकील गीता रामानुग्रह शास्त्री के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही से उत्पन्न विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए अदालत ने शिकायत रद्द करने के बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखा और उनके खिलाफ आरोपों को "बेतुका, असमर्थनीय और दुर्भावनापूर्ण" करार दिया।
मामले की पृष्ठभूमि
यह शिकायत पूर्व लेक्चरर बंसीधर अन्नाजी भाकड़ बाद में वकील बन गए। उन्होंने इस्माइल यूसुफ जूनियर कॉलेज के साथ लंबे समय से चले आ रहे विवाद के संबंध में दायर की थी। भाकड़ ने आरोप लगाया कि शास्त्री ने अपने दीवानी मुकदमे में चैंबर समन के साथ दायर हलफनामे में साक्षी की पहचान करके उसमें निहित झूठे बयानों का प्रभावी रूप से समर्थन किया। इसलिए वह जालसाजी, झूठी गवाही और धोखाधड़ी जैसे अपराधों की दोषी हैं।
बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (BCMG) ने शिकायत दर्ज की और उसे जांच के लिए अनुशासन समिति को भेज दिया।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निष्कर्ष
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 9 अगस्त, 2023 के अपने आदेश में शिकायत को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि शास्त्री ने कभी कोई हलफनामा नहीं दिया और उनकी भूमिका साक्षी की पहचान करनेतक ही सीमित थी। न्यायालय ने कहा कि केवल ऐसा करने से उन्हें हलफनामे की विषय-वस्तु की जानकारी नहीं मिल सकती।
इस निष्कर्ष को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा:
"केवल हलफनामे के सत्यापन मात्र से कोई वकील हलफनामे की विषय-वस्तु से अवगत नहीं हो जाता। अतः, स्पष्टतः याचिकाकर्ता बंसीधर अन्नाजी भाकड़ द्वारा प्रतिवादी-अधिवक्ता के विरुद्ध दायर शिकायत न केवल निराधार थी, बल्कि उस वकील के विरुद्ध दुर्भावनापूर्ण और द्वेषपूर्ण आक्षेपों पर आधारित है, जिसने हलफनामे में केवल विरोधी पक्ष की पहचान की।"
अदालत ने आगे पाया कि शिकायत दर्ज करने और उस पर आगे कार्रवाई करने का BCMG का निर्णय एक "अवैध" और "विकृत" कार्यवाही है, जिसके परिणामस्वरूप वकील के विरुद्ध दुर्भावनापूर्ण अभियोजन चलाया गया।
Case : Bar Council of Maharashtra and Goa v Rajiv Nareshchandra Narula and others

