सुप्रीम कोर्ट की चौथी संविधान पीठ गठित, विमुद्रीकरण को चुनौती देने वाली याचिकाएं कल के लिए सूचीबद्ध

Brij Nandan

27 Sep 2022 8:43 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    5 जजों की पीठ के समक्ष लंबित मामलों की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक और संविधान पीठ का गठन किया गया है।

    नई बेंच में जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल हैं।

    बेंच कल यानी बुधवार को पांच मामलों पर विचार करेगी।

    2016 में दायर याचिकाओं में 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं पीठ के समक्ष फस्ट आइटम के रूप में सूचीबद्ध हैं (विवेक नारायण शर्मा बनाम भारत संघ WP (सी) 906/2016 और 57 जुड़े मामले)।

    दूसरा मामला इस सवाल से संबंधित है कि क्या मंत्रियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले बोलने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है (कौशल किशोर बनाम उत्तर प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश सरकार। 1 संबंधित मामले के साथ गृह सचिव मामला संख्या: डब्ल्यू.पी. (सीआरएल) ।) संख्या 113/2016)

    तीसरा मामला इस मुद्दे से संबंधित है कि क्या भारत के संविधान का अनुच्छेद 105/194 (2) संसद सदस्यों/विधान सभा के सदस्यों को किसी विधायिका में जाति के वोट के लिए रिश्वत की पेशकश या स्वीकार करने वाले अपराध के लिए मुकदमा चलाने से कोई छूट प्रदान करता है? (सीता सोरेन बनाम भारत संघ, मामला संख्या: सीआरएल.ए.सं.451/2019)।

    चौथा मामला सीआरपीसी की धारा 319 के तहत शक्तियों से संबंधित है (सुखपाल सिंह खैरा बनाम पंजाब राज्य के साथ 2 जुड़े मामले केस नंबर: सीआरएल.ए.एनओ.885/2019)।

    पांचवां मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (नीरज दत्ता बनाम राज्य, सीआरएलए 16669/2009) के तहत प्रश्नों से संबंधित है।

    चौथी संविधान पीठ

    नई बेंच सुप्रीम कोर्ट में चौथी संविधान पीठ होगी। अन्य पीठों का नेतृत्व क्रमश: सीजेआई यूयू ललित, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल कर रहे हैं। जस्टिस इंदिरा बनर्जी के नेतृत्व में एक और संविधान पीठ थी, जिसे पिछले सप्ताह उनकी सेवानिवृत्ति के बाद समाप्त कर दिया गया।

    सीजेआई ललित के कार्यकाल के दौरान अब तक कुल 5 संविधान पीठ गठिक हो चुकी हैं।


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