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सेक्स डॉल खरीदना, रखना और बेचना प्रतिबंधित, नार्वे की सुप्रीम कोर्ट का फैसला

LiveLaw News Network
18 Sep 2019 2:19 AM GMT
सेक्स डॉल खरीदना, रखना और बेचना प्रतिबंधित, नार्वे की सुप्रीम कोर्ट का फैसला
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नॉर्वे की सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स डॉल्स पर कानून की स्थिति की व्याख्या करते हुए एक निर्णय पारित किया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला किया है कि वे सेक्स डॉल्स जो बच्चों जैसे गुण/विशेषताएँ रखती हैं, वे बच्चों के सेक्सुअलाइजेशन (कामुकीकरण अर्थात किसी व्यक्ति/चीज़ को यौन दृष्टि से प्रदर्शित करना अथवा देखना) करने के चलते दंड संहिता के उल्लंघन में हैं।

नॉवीजन दंड संहिता (Norwegian Penal Code) की धारा 311, बच्चों के सेक्सुअलाइजेशन पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को घोषित करती है। यह कहती है

'... कोई भी व्यक्ति जो उत्पादन/निर्माण करता है ... एक चित्रण का जो बच्चों का कामुकीकरण करता है" या प्राप्त करता है, आयात करता है या [ऐसे] चित्रण अपने पास रखता है, उसे इसके लिए जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है।'

वर्तमान मामले में हांगकांग से कुछ सेक्स डॉल्स आयत की जा रही थीं, जो मुख (oral), गुदा (anal) और योनि (vaginal) छिद्रों के साथ बच्चों के शरीर की तरह दिखती थीं।

इस प्रावधान की व्याख्या करते हुए, अदालत ने वाक्यांश 'निर्माण सामग्री जो बच्चों का काकामुकीकरण करती हैं', उसके लिए एक व्यापक दृष्टिकोण लागू किया, जिससे 'किसी भी माध्यम की कोई भी प्रस्तुति, जिसमें एनिमेटेड निरूपण, चालाकी/जोड़-तोड़ से या अन्यथा कृत्रिम रूप से निर्मित वस्तु' को भी शामिल किया जा सके।

एक व्यक्ति, जिसे इस तरह की डॉल में से एक को रखने के लिए गिरफ्तार किया गया था, द्वारा दायर की गई अपील को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि ये डॉल स्पष्ट रूप से बच्चों जैसी विशेषताओं/गुणों को दर्शाती हैं और यह यौन उद्देश्यों के लिए हैं। इसलिए, मामले में धारा 311 के तहत प्रतिबन्ध स्पष्ट रूप से आकर्षित होगा।



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