[POCSO Act] नशे में नाबालिग की छाती छूने की कोशिश बलात्कार का प्रयास नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट
Amir Ahmad
26 April 2025 6:44 AM
![[POCSO Act] नशे में नाबालिग की छाती छूने की कोशिश बलात्कार का प्रयास नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट [POCSO Act] नशे में नाबालिग की छाती छूने की कोशिश बलात्कार का प्रयास नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2023/11/06/750x450_502168-pocsoact.jpg)
कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि एक व्यक्ति द्वारा शराब के नशे में एक नाबालिग लड़की की छाती छूने की कोशिश यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) के तहत बलात्कार के प्रयास की श्रेणी में नहीं आती, क्योंकि इसमें कोई 'प्रवेश की कोशिश' नहीं की गई थी। हालांकि यह कृत्य 'गंभीर यौन उत्पीड़न' के प्रयास की श्रेणी में आ सकता है।
जस्टिस अरिजीत बनर्जी और जस्टिस बिस्वरूप चौधरी की खंडपीठ ने कहा,
“पीड़िता और मेडिकल रिपोर्ट के साक्ष्य से यह स्पष्ट नहीं होता कि आरोपी ने कोई बलात्कार किया या बलात्कार का प्रयास किया। पीड़िता ने बताया कि आरोपी शराब के प्रभाव में था और उसने उसकी छाती छूने की कोशिश की। यह बयान POCSO Act की धारा 10 के अंतर्गत गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोप को समर्थन दे सकता है लेकिन यह बलात्कार के प्रयास का संकेत नहीं देता।”
आरोपी ने अपनी सजा के खिलाफ अपील में जमानत की मांग की थी। उस पर POCSO Act की धारा 10 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 448/376(2)(c)/511 के तहत आरोप तय हुए और उसे 12 वर्ष के कठोर कारावास तथा 50,000 के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे झूठे आरोप में फंसाया गया और रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्य बलात्कार के प्रयास के आरोप का समर्थन नहीं करते। साथ ही यह भी कहा गया कि धारा 376 के तहत बिना किसी प्रवेश के अपराध सिद्ध नहीं होता।
याचिकाकर्ता लगभग 2 साल 4 महीने से जेल में है। अपील की सुनवाई जल्दी होने की संभावना नहीं है। इसलिए कोर्ट ने यह मानते हुए कि घटना में प्रवेश का कोई प्रयास नहीं हुआ था, उसे गंभीर यौन उत्पीड़न मानते हुए जमानत दे दी।
टाइटल: Zomangaih @ Zohmangaiha बनाम पश्चिम बंगाल राज्य