शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत, राज्य को केस डायरी पेश करने का निर्देश
Shahadat
3 Jun 2025 8:23 PM IST

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत देने से इनकार किया। अपनी अपील में पनोली ने ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड आदेश को भी चुनौती दी, जिसमें उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। उसने कथित तौर पर आपत्तिजनक वीडियो बनाया था, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर लोगों की धार्मिक पहचान को लेकर निशाना साधा गया था।
सिम्बायोसिस लॉ स्कूल की स्टूडेंट पनोली ने इंस्टाग्राम और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर ईशनिंदा वाली टिप्पणी की थी। बयानों पर आलोचनाओं के बाद पनोली ने ईशनिंदा वाली सामग्री हटा दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर माफीनामा प्रकाशित किया, लेकिन गुरुग्राम में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 15 मई, 2025 को उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई और उसके दो दिन बाद 17 मई, 2025 को वारंट जारी किए गए।
पनोली के वकील ने तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी, क्योंकि FIR में बताए गए अपराध गैर-संज्ञेय थे और गिरफ्तारी से पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया, जो कि BNSS के तहत अनिवार्य होता।
राज्य के वकील ने तर्क दिया कि नोटिस जारी किया गया, लेकिन पनोली और उनके परिवार के गुड़गांव भाग जाने के कारण नोटिस नहीं दिया जा सका। यह तर्क दिया गया कि गुड़गांव में उन्हें गिरफ्तार करने के बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जिन्होंने तीन दिन की रिमांड की अनुमति दी, जिसके बाद उन्हें कोलकाता लाया गया। यह भी कहा गया कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष उनकी जमानत याचिका पर विचार किया गया और उसे अस्वीकार कर दिया गया।
लॉ स्टूडेंट को अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी ने मामले को अगली अवकाश पीठ के समक्ष रखा और कहा:
"यह वीडियो सोशल मीडिया पर बनाया गया था, ऐसा सुना गया, इस घटना से लोगों के एक वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं। देखिए, हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप दूसरों को चोट पहुंचाते रहेंगे। हमारा देश विविधतापूर्ण है, यहां सभी लोग अलग-अलग जाति, पंथ, धर्म आदि से आते हैं। हमें यह कहते समय सावधान रहना चाहिए।"
Case: SHAMISHTA PANOLI @ SHARMISHTA PANOLI RAJ VS STATE OF WEST BENGAL AND ORS

