महिला की तस्वीरों का अनधिकृत उपयोग | फोटोग्राफर प्रथम दृष्टया महिला की निजता भंग करने का दोषी, न कि विज्ञापन के लिए तस्वीरों का इस्तेमाल करने वाले पक्ष: बॉम्बे हाईकोर्ट

Avanish Pathak

2 April 2025 4:54 AM

  • महिला की तस्वीरों का अनधिकृत उपयोग | फोटोग्राफर प्रथम दृष्टया महिला की निजता भंग करने का दोषी, न कि विज्ञापन के लिए तस्वीरों का इस्तेमाल करने वाले पक्ष: बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में एक महिला ने महाराष्ट्र ओर तेलंगाना सरकार, कांग्रेस पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों पर अपनी विभिन्न योजनाओं के विज्ञापन में उसकी तस्वीरों के 'अनधिकृत' इस्तेमाल का आरोप लगाया था, जिस सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रथम दृष्टया माना कि तस्वीर के इस्तेमाल में इन दलों या सरकारों की कोई गलती नहीं है, बल्कि यह 'गलती' उस फोटोग्राफर की है, जिसने महिला की तस्वीरें खींची और बिना उसकी पूर्व अनुमति के उसे अमेरिका स्थित प्लेटफॉर्म 'शटरस्टॉक' पर अपलोड कर दिया।

    जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस अद्वैत सेठना की खंडपीठ ने कहा कि फोटोग्राफर तुकाराम कर्वे ने याचिकाकर्ता महिला - नम्रता कवले की तस्वीरें खींची थीं और शटरस्टॉक की 'नियम और शर्तों' को ठीक से पढ़े बिना, उसकी तस्वीरों को एक सेक्शन में अपलोड कर दिया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि उक्त फोटो का इस्तेमाल 'व्यावसायिक उद्देश्यों' के लिए किया जाएगा।

    पीठ का मानना ​​था कि महाराष्ट्र और तेलंगाना की सरकारें और राजनीतिक दल और 'सबका डेंटिस्ट' जैसी संस्थाएं महिला के निजता के अधिकार का उल्लंघन करने के लिए दोषी नहीं ठहराई जा सकतीं, क्योंकि उन सभी ने कानूनी तरीके से तस्वीर 'खरीदी' थी।

    पीठ ने कर्वे के वकील से मौखिक रूप से कहा,

    "उन्हें (याचिकाकर्ता को) कोई समस्या नहीं हो सकती है यदि आप तस्वीरें क्लिक करते हैं, लेकिन फिर क्या आपने उसे बताया कि आप इसे किसी तीसरे पक्ष की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे? आप ही समस्या हैं, आपने यह सब गड़बड़ कर दी है... आपने उसकी निजता के अधिकार का उल्लंघन किया है... आपको पता था कि इस सामग्री का व्यावसायिक रूप से उपयोग किया जाएगा (अनुबंध के अनुसार)।"

    पीठ ने समझाया कि कितनी बार नागरिक डाउनलोडेड एप्लिकेशन या इंटरनेट पर उपलब्ध साइटों पर 'नियम और शर्तें' नहीं पढ़ते हैं, जबकि उन्हें 'पेशेवर रूप से' डाला गया होता है। जजों ने कहा, "ये वेबसाइट बहुत पेशेवर हैं, लेकिन आप नियम और शर्तें नहीं पढ़ते... आप बस अपनी हॉबी को उनकी साइट पर डालना चाहते हैं।"

    बेंच कर्वे की इस दलील पर नाराज़ थी कि चूंकि याचिकाकर्ता को उसकी फोटो क्लिक करने में कोई आपत्ति नहीं थी और फिर उसने उसे उक्त फोटो की एक प्रिंट कॉपी मुफ़्त में दी, इसलिए अब वह यह दावा नहीं कर सकती कि उसकी निजता का उल्लंघन हुआ है, क्योंकि अब फोटो पर उसका 'कॉपीराइट' है।

    जस्टिस कुलकर्णी ने कहा,

    "कृपया दिखाएं कि आपने याचिकाकर्ता की पूर्व अनुमति ली थी? अगर हम संतुष्ट नहीं हैं तो हम आपको दोषी ठहराएंगे...आप यह नहीं कह सकते कि आपने तस्वीरें लीं और उन्हें प्रिंट प्रतियां दीं, इसलिए आपके पास कॉपीराइट है....प्रथम दृष्टया वह (कर्वे) समस्या है...उसने यह गलती की है...राजनीतिक दलों और यहां तक ​​कि सरकारों के भी अपने कानूनी लेन-देन हैं...।"

    सुनवाई के दरमियान, जजों ने उल्लेख किया कि भारत में ऐसी 'एजेंसियां' हैं, जिनका शटरस्टॉक के साथ समझौता है और इन्हीं एजेंसियों से राजनीतिक दल, सरकारें आदि सदस्यता शुल्क या रॉयल्टी का भुगतान करके ये तस्वीरें 'खरीदती' हैं।

    महाराष्ट्र सरकार और एक स्थानीय विधायक के मामले में, पीठ ने उल्लेख किया कि तस्वीरें शटरस्टॉक की एजेंसी 'महाता मल्टीमीडिया' कंपनी के माध्यम से खरीदी गई थीं, जिसके लिए एजेंसी को सालाना 4.39 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है।

    पीठ ने कहा,

    "किसी ने तस्वीरें खरीदी हैं, आप महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य या राजनीतिक दलों के कृत्य में कोई दोष नहीं पा सकते, क्योंकि उन्होंने उचित और कानूनी तरीके से तस्वीरें खरीदी हैं...शटरस्टॉक एक विदेशी कंपनी है, इसके एजेंट महाता हैं और प्रतिवादियों ने इस एजेंसी को पैसे दिए हैं, जिसने तस्वीरें खरीदी हैं..."

    फोटोग्राफर कर्वे के संबंध में, पीठ ने कहा कि यह अभी तय नहीं हुआ है कि उन्होंने उक्त तस्वीरें ईमानदारी से अपलोड की हैं (बिना यह जाने कि उनका व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाएगा) या नहीं। पीठ ने कहा, "उन्होंने नियम और शर्तें नहीं पढ़ीं...इन सभी इंटरनेट अनुबंधों की पूरी समस्या यह है कि लोग शर्तें नहीं पढ़ते...यदि आप शर्तें पढ़ेंगे, तो आप इन ऐप्स की सदस्यता नहीं लेंगे...हमें फोटोग्राफर को छोड़कर अन्य प्रतिवादियों में कोई दोष नहीं मिला।"

    इसलिए पीठ ने याचिकाकर्ता पर जोर दिया कि यदि अन्य प्रतिवादियों के खिलाफ तत्काल याचिका दायर की जाती है, तो कोई मुद्दा हल नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने उचित तरीके से तस्वीरें खरीदी हैं।

    पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से मौखिक रूप से कहा, "जहां तक ​​शटरस्टॉक का सवाल है, सामग्री कानूनी सामग्री है। आपको (अन्य प्रतिवादियों के खिलाफ) निर्देश लेने की जरूरत है, अन्यथा हमें इसे खारिज करना होगा।"

    इन टिप्पणियों के साथ, न्यायाधीशों ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया, साथ ही फोटोग्राफर को यह बताने का निर्देश दिया कि क्या उसने तस्वीरें बेईमानी से अपलोड की हैं।

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