महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उसे स्पा सेंटरों में क्रॉस जेंडर मसाज की अनुमति देने पर कोई आपत्ति नहीं, वह दिशानिर्देश जारी करेगी
Avanish Pathak
29 Jan 2025 6:51 AM

महाराष्ट्र सरकार ने पिछले सप्ताह बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उसे राज्य के स्पा सेंटर्स में 'क्रॉस जेंडर मसाज' की अनुमति देने पर कोई आपत्ति नहीं है और वह जल्द ही स्पा, मसाज सेंटर्स, थेरेपी और वेलनेस सेंटर्स के संचालन को विनियमित करने के लिए दिशा-निर्देश लेकर आएगी।
जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ 11 चिकित्सकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो पुलिस द्वारा उनके परिसरों पर छापेमारी करने और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की कार्रवाई से व्यथित हैं।
याचिकाकर्ताओं ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि उन्हें पुलिस और उसकी मशीनरी की ओर से परेशान और अपमानित किया जा रहा है, जो उनके लिए अपने पेशे की प्रैक्टिस करने में बाधा उत्पन्न कर रहा है और यह उनकी गरिमा को भी प्रभावित कर रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि पुलिस द्वारा की गई इस 'अंधाधुंध' कार्रवाई से उनके 'आजीविका के अधिकार', 'सम्मान के अधिकार' और 'समानता के अधिकार' का उल्लंघन हो रहा है।
शुक्रवार (24 जनवरी) को जब मामले की सुनवाई हुई तो जजों ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार का रुख जानना चाहा। जस्टिस मोहिते-डेरे ने मौखिक रूप से कहा, "महाधिवक्ता महोदय, इसे कहीं न कहीं तो रोकना ही होगा...पुलिस इन लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान करती है...।" इस पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता डॉ. बीरेंद्र सराफ ने पीठ को बताया कि आमतौर पर पुलिस तभी कदम उठाती है जब पड़ोसी आदि द्वारा शिकायत की जाती है, जिसे भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पीठ ने कहा, "ऐसी दिशा-निर्देश होने चाहिए ताकि पुलिस अनावश्यक उत्पीड़न को खत्म कर सके।" साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि याचिका में मुख्य प्रार्थनाओं में से एक दिशा-निर्देश तैयार करना है।"
पीठ के सुझाव से सहमत होते हुए एजी सराफ ने न्यायाधीशों से कहा कि राज्य जल्द ही दिशा-निर्देश जारी करेगा और इसके लिए समय मांगा। चर्चा के दौरान अधिवक्ता यदुनाथ भार्गवन और अधिवक्ता हेतवी सावला ने पीठ को इस तथ्य से अवगत कराया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में स्पा/मसाज सेंटर्स आदि के सुचारू संचालन के लिए पहले ही ऐसे दिशा-निर्देश तैयार कर लिए हैं।
भार्गवन ने कहा, "केवल एक क्लॉज जो क्रॉस-जेंडर मसाज की अनुमति देता है, उसे दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई है, जिसने केवल उस विशेष क्लॉज पर रोक लगाई है। आशा है कि हमारे राज्य में यह कोई मुद्दा नहीं होगा।" एजी सराफ ने कहा, "मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं लगता कि क्रॉस-जेंडर मसाज आज के समय में कोई मुद्दा हो सकता है। मुझे यकीन है कि इस तरह के क्लॉज से कोई समस्या नहीं होगी। मैं कह सकता हूं कि अगर राज्य मुझसे पूछेगा, तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि इसे (क्रॉस-जेंडर मसाज) कोई मुद्दा न बनाया जाए।"
न्यायाधीशों ने सराफ के बयान की 'सराहना' करते हुए राज्य को स्पा/मसाज सेंटर्स, थेरेपिस्ट और वेलनेस सेंटरों के कामकाज के लिए उचित दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया।