म्यूजिक राइट्स का असाइनमेंट केवल फिजिकल मीडियम तक सीमित नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुराने बॉलीवुड गीतों पर कॉपीराइट उल्लंघन का दावा किया खारिज
Amir Ahmad
2 July 2025 1:02 PM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिवंगत बॉलीवुड निर्माता ओ.पी. रहलन की बेटी रुपाली पी. शाह द्वारा दायर कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ओ.पी. रहलन द्वारा किए गए असाइनमेंट एग्रीमेंट्स के तहत उनके गानों के अधिकार स्थायी रूप से और व्यापक रूप से असाइन किए गए और वे किसी विशेष माध्यम, जैसे कि फिजिकल रिकॉर्ड्स तक सीमित नहीं थे।
जस्टिस मनीष पिटले ने यह निर्णय सुनाते हुए कहा कि असाइनमेंट एग्रीमेंट्स में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख था कि गानों का उपयोग किसी भी और हर प्रकार के माध्यम से किया जा सकता है। कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि ये अधिकार केवल ग्रामोफोन रिकॉर्ड्स जैसे भौतिक माध्यमों तक सीमित थे।
मामला ओ.पी. रहलन द्वारा 1963 से 1983 के बीच निर्मित सात हिंदी फिल्मों के गानों से जुड़ा था, जिसमें तलाश जैसी फिल्में शामिल थीं। कोर्ट ने पाया कि अधिकारों का असाइनमेंट हमेशा के लिए था और इसका समय सीमा केवल यह दर्शाने के लिए था कि असाइनमेंट किस अवधि में बनाए गए कार्यों पर लागू होगा।
कोर्ट ने कहा कि असाइनमेंट एग्रीमेंट्स के शब्दों में किसी माध्यम की कोई सीमा नहीं थी और डिजिटल प्लेटफॉर्म या विज्ञापनों में इन गानों का उपयोग कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं है। अतः मुकदमा खारिज कर दिया गया।

