एयर इंडिया के 'विस्तारा' ब्रांड से भ्रामक समानता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'VISTARRAAH' ट्रेडमार्क हटाने का आदेश दिया
Praveen Mishra
16 Dec 2025 11:09 PM IST

एयर इंडिया की एयरलाइन ब्रांड 'VISTARA' से भ्रामक रूप से मिलते-जुलते पाए जाने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रेडमार्क रजिस्टर से “VISTARRAAH” ट्रेडमार्क को हटाने का निर्देश दिया है।
जस्टिस आरिफ़ एस. डॉक्टर ने 10 दिसंबर 2025 को यह आदेश पारित करते हुए एयर इंडिया द्वारा दायर रेक्टिफिकेशन (सुधार) याचिका को स्वीकार किया। अदालत ने कहा कि विवादित ट्रेडमार्क को रजिस्टर में बने रहने देना कानून के विपरीत होगा और इससे ट्रेडमार्क प्रणाली की पवित्रता एवं विश्वसनीयता प्रभावित होगी।
एयर इंडिया ने अदालत को बताया कि वह भारत में विभिन्न वर्गों में “VISTARA” ट्रेडमार्क की पंजीकृत स्वामी है, जिनके पंजीकरण वर्ष 2014 से चले आ रहे हैं। एयरलाइन ने यह भी रेखांकित किया कि VISTARA को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा वेल-नोन ट्रेडमार्क के रूप में मान्यता दी गई है और यह ट्रेडमार्क रजिस्ट्री द्वारा संधारित आधिकारिक सूची में भी शामिल है।
विस्तारा एक भारतीय फुल-सर्विस एयरलाइन ब्रांड है, जिसे टाटा सन्स और सिंगापुर एयरलाइंस के संयुक्त उपक्रम के रूप में शुरू किया गया था। अगस्त 2014 में ब्रांड की घोषणा हुई और जनवरी 2015 में वाणिज्यिक संचालन प्रारंभ हुआ। एयर इंडिया के अनुसार, व्यापक उपयोग, प्रचार और देशभर में उपभोक्ता पहचान के कारण VISTARA ब्रांड ने महत्वपूर्ण सद्भावना और प्रतिष्ठा अर्जित की है।
एयर इंडिया ने क्लास 31 (कृषि और बागवानी उत्पादों) में गिरिश बसरिमलानी के नाम से पंजीकृत “VISTARRAAH” ट्रेडमार्क को चुनौती दी थी, जिसमें फरवरी 2017 से उपयोग का दावा किया गया था। एयर इंडिया ने तर्क दिया कि उसके पास संबद्ध और संबंधित वर्गों में भी ट्रेडमार्क पंजीकरण हैं और वह खाद्य व आतिथ्य से जुड़ी सेवाओं में भी विस्तारा ब्रांड का उपयोग करती है, जिससे भिन्न वस्तुओं के बावजूद उपभोक्ताओं में भ्रम की संभावना बनती है।
यह भी दलील दी गई कि बसरिमलानी ने विभिन्न वर्गों में कई समान या मिलते-जुलते ट्रेडमार्क आवेदन दायर किए थे, जिनमें से अनेक बाद में वापस ले लिए गए, अस्वीकृत हुए या परित्यक्त माने गए। एयर इंडिया के अनुसार, यह प्रवृत्ति ब्रांड के वास्तविक उपयोग के अभाव और प्रसिद्ध VISTARA ब्रांड की सद्भावना का अनुचित लाभ उठाने के प्रयास को दर्शाती है।
हालांकि कार्यवाही की सूचना दिए जाने के बावजूद बसरिमलानी अदालत में उपस्थित नहीं हुए और न ही याचिका का विरोध किया। ऐसे में अदालत ने एकपक्षीय (एक्स-पार्टी) रूप से कार्यवाही करते हुए कहा कि रिकॉर्ड पर ईमानदार अपनाने, वास्तविक उपयोग या पंजीकरण के किसी वैध औचित्य से संबंधित कोई सामग्री नहीं है।
प्रतिद्वंद्वी ट्रेडमार्क की तुलना करते हुए अदालत ने पाया कि “VISTARRAAH” ध्वन्यात्मक रूप से “VISTARA” के समान है तथा दृश्य और संरचनात्मक रूप से भी उससे काफी मिलता-जुलता है। अदालत ने कहा कि वर्तनी या शैली में मामूली अंतर औसत उपभोक्ता पर पड़ने वाले समग्र प्रभाव को नहीं बदलते, विशेषकर तब जब उपभोक्ता की स्मरण शक्ति अपूर्ण होती है।
अदालत ने माना कि ऐसे ट्रेडमार्क का पंजीकरण ट्रेडमार्क अधिनियम का उल्लंघन है, जो पूर्ववर्ती ट्रेडमार्क से समान या भ्रम उत्पन्न करने वाले चिह्नों के पंजीकरण पर रोक लगाता है। न्यायालय ने कहा कि बिना उचित कारण के भ्रामक रूप से समान ट्रेडमार्क को अपनाना, किसी वेल-नोन ट्रेडमार्क की विशिष्ट पहचान और प्रतिष्ठा के लिए स्वाभाविक रूप से हानिकारक है।
यह रेखांकित करते हुए कि वेल-नोन ट्रेडमार्क को संबद्ध या संबंधित वस्तुओं के संदर्भ में भी उच्च स्तर का संरक्षण प्राप्त होता है, अदालत ने कहा कि विवादित ट्रेडमार्क का उपयोग जनता को यह मानने के लिए गुमराह कर सकता है कि उसका संबंध एयर इंडिया की विस्तारा एयरलाइन ब्रांड से है। अदालत ने यह भी नोट किया कि बसरिमलानी को सीज़-एंड-डिसिस्ट नोटिस और विरोध कार्यवाहियों के माध्यम से एयर इंडिया के अधिकारों की जानकारी थी, और उनका आचरण दुर्भावना (बैड फेथ) को दर्शाता है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय खोडे डिस्टिलरीज लिमिटेड बनाम स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन का हवाला देते हुए, अदालत ने कहा कि दुर्भावना से अपनाए गए ट्रेडमार्क ट्रेडमार्क रजिस्टर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाते हैं और उन्हें हटाया जाना आवश्यक है।
इन कारणों से, बॉम्बे हाईकोर्ट ने एयर इंडिया की रेक्टिफिकेशन याचिका को स्वीकार करते हुए “VISTARRAAH” ट्रेडमार्क को ट्रेडमार्क रजिस्टर से हटाने और रद्द करने का निर्देश दिया।

