विज्ञापनों में महिला की तस्वीरों के कथित अनधिकृत उपयोग के खिलाफ याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
Shahadat
14 March 2025 4:41 AM

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महिला की याचिका के संबंध में अमेरिका स्थित कंपनी शटरस्टॉक, विभिन्न राज्य सरकारों, राजनीतिक दलों और निजी एजेंसियों से जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया कि राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों द्वारा उनकी विभिन्न योजनाओं के विज्ञापन में उनकी तस्वीरों का अनधिकृत उपयोग किया जा रहा है।
महिला द्वारा निजता के अधिकार के बारे में उठाई गई गंभीर चिंताओं पर ध्यान देते हुए जस्टिस जी.एस. कुलकर्णी और जस्टिस अद्वैत एम. सेठना की खंडपीठ ने कहा कि मामला प्रथम दृष्टया महिला की तस्वीरों के व्यावसायिक शोषण का प्रतीत होता है।
न्यायालय ने नोट किया,
“प्रथम दृष्टया, यह याचिकाकर्ता की तस्वीर का व्यावसायिक शोषण प्रतीत होता है। ऐसा आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता को इस बारे में बताए बिना ही ऐसा हुआ। इसलिए याचिकाकर्ता का तर्क है कि भले ही वह ग्रामीण क्षेत्र से आती हो, यह याचिकाकर्ता के महिला होने के नाते निजता के अधिकार और संविधान के तहत उसे दिए गए ऐसे अधिकारों के गंभीर उल्लंघन का मामला है। उसका तर्क है कि वर्तमान मामले में उसकी निजता का उल्लंघन बेहद चिंताजनक है। प्रतिवादियों जैसे जिम्मेदार निकायों से ऐसी अवैधता नहीं हो सकती, जिन्हें कानून का पालन करना चाहिए।”
नम्रता अंकुश कवले (याचिकाकर्ता) ने प्रस्तुत किया कि उनके गांव से ताल्लुक रखने वाले तुकाराम निवृत्ति कर्वे (प्रतिवादी नंबर 1) ने कुछ साल पहले उनकी तस्वीरें ली थीं। उन्होंने कहा कि उनकी सहमति के बिना उन्होंने शटरस्टॉक डॉट कॉम (प्रतिवादी नंबर 2) पर उनकी तस्वीरें अपलोड कीं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार, तेलंगाना सरकार, तेलंगाना कांग्रेस पार्टी, ग्रामीण विकास मंत्रालय, ओडिशा राज्य, कर्नाटक राज्य सहित विभिन्न राजनीतिक दल, निजी एजेंसियां और राज्य सरकारें अपनी विभिन्न योजनाओं के विज्ञापन में उनकी तस्वीरों का उपयोग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल पूरे देश में विज्ञापनों और होर्डिंग्स में और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उनकी सहमति के बिना किया जा रहा है।
इस प्रकार याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को उनकी वेबसाइट बोर्ड, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, विज्ञापन, प्रचार या किसी अन्य माध्यम पर उनकी तस्वीर का उपयोग, प्रदर्शन, वितरण, शेयर या बिक्री करने से स्थायी रूप से रोकने की मांग की।
आरोपों की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने शटरस्टॉक को नोटिस जारी किया और उसका जवाब मांगा।
न्यायालय ने कहा,
"इलेक्ट्रॉनिक युग और सोशल मीडिया के समकालीन समय को देखते हुए ये मुद्दे काफी गंभीर हैं। प्रतिवादियों को रिट याचिका का जवाब देने की आवश्यकता है। प्रतिवादी नंबर 2 को नोटिस जारी करें, जिसे विदेश मंत्रालय और मुंबई/नई दिल्ली में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के माध्यम से रजिस्ट्री द्वारा तामील किया जाएगा।"
न्यायालय ने विभिन्न राज्य सरकार और निजी संस्थाओं को भी नोटिस जारी किए।
मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी।
केस टाइटल: नम्रता अंकुश कावले और अन्य बनाम तुकाराम निवृत्ति कर्वे और अन्य।