BNS | सोसाइटी गेट, स्कूल बस स्टॉप पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से रोकना 'गलत रोक' नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

Shahadat

23 Dec 2025 9:26 AM IST

  • BNS | सोसाइटी गेट, स्कूल बस स्टॉप पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से रोकना गलत रोक नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते फैसला सुनाया कि अगर कोई व्यक्ति हाउसिंग सोसायटी की ज़रूरी जगहों जैसे एंट्री/एग्जिट पॉइंट, स्कूल बस स्टॉप वगैरह पर आवारा कुत्तों को खाना खिला रहा है, जो 'तय जगहें' नहीं हैं, उसे दूसरे सोसाइटी मेंबर खाना खिलाने से रोकते हैं तो वह भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 126 (गलत रोक) के तहत शिकायत दर्ज नहीं कर सकता।

    जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस संदेश पाटिल की डिवीजन बेंच ने पुणे के हिंजेवाड़ी इलाके की सोसाइटी के रहने वाले अयप्पा स्वामी के खिलाफ दर्ज फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (FIR) को रद्द कर दिया। अयप्पा स्वामी पर आरोप था कि उन्होंने कुछ युवाओं के एक ग्रुप को रोका, जो सोसायटी के एंट्री/एग्जिट गेट पर आवारा कुत्तों को खाना खिला रहे थे।

    BNS की धारा 126 का मतलब है किसी भी व्यक्ति को जानबूझकर रोकना, ताकि उसे उस दिशा में जाने से रोका जा सके, जहां जाने का उसे कानूनी अधिकार है। जजों ने कहा कि इसका मतलब है कि व्यक्ति को किसी भी दिशा में जाने से रोक दिया गया।

    18 दिसंबर को सुनाए गए आदेश में जजों ने कहा,

    "खास इलाकों में, खासकर फुटपाथ, सोसाइटी के एंट्री और एग्जिट पॉइंट और स्कूल बस स्टॉप पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाना, जहां सोसाइटी के बच्चे स्कूल बसों में चढ़ते और उतरते हैं, बच्चों की सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी है। इन इलाकों में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से रोकना BNS की धारा 126 के तहत जानबूझकर रोकना नहीं कहा जा सकता।"

    जजों ने गवाहों के बयानों से पाया कि अयप्पा ने शिकायतकर्ता और उसके दोस्तों से सिर्फ इतना कहा कि वे आवारा कुत्तों को एक ऐसी जगह पर खाना खिला रहे थे, जो तय जगह नहीं है।

    जजों ने कहा,

    "हम पाते हैं कि किसी व्यक्ति को गैर-तय जगह पर और उस जगह पर जहां स्कूली बच्चे स्कूल बसों में चढ़ते और उतरते हैं, साथ ही सोसाइटी के एंट्री और एग्जिट पॉइंट के पास आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से रोकना BNS की धारा 126 के तहत 'गलत रोक' नहीं कहा जा सकता।"

    इसके साथ ही उन्होंने एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स, 2023 (ABC रूल्स) के प्रावधानों का भी ज़िक्र किया, जिसमें आवारा कुत्तों के लिए तय खाना खिलाने की जगह का प्रावधान है।

    जजों ने कहा,

    "किसी भी सूरत में किसी व्यक्ति को गैर-निर्धारित जगह पर आवारा कुत्तों को गलत तरीके से खाना खिलाने से रोकना BNS एक्ट की धारा 126(1) के तहत रोक नहीं कहा जा सकता।"

    इसके अलावा, बेंच ने कहा कि कथित रुकावट किसी गैर-कानूनी काम के लिए नहीं है, बल्कि सोसाइटी के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, क्योंकि सोसाइटी में कुत्तों के हमले/काटने की लगभग 40 घटनाएं हो चुकी हैं।

    जजों ने फैसला सुनाया,

    "यह याचिकाकर्ता के लिए शिकायतकर्ता और उसके दोस्तों को सोसाइटी में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से रोकने के लिए काफी है। किसी भी तरह से यह नहीं कहा जा सकता कि ऐसी रुकावट गैर-कानूनी है।"

    इन टिप्पणियों के साथ जजों ने अयप्पा के खिलाफ 24 जनवरी, 2025 को कथित तौर पर कुत्तों को खाना खिलाने वालों को गलत तरीके से रोकने के आरोप में दर्ज FIR रद्द की।

    FIR के अनुसार, 'गलत तरीके से रोकने' की घटना 12 सितंबर, 2024 को हुई, जिसमें शिकायतकर्ता अपने दोस्तों के साथ स्कूल के समय सोसाइटी परिसर में खासकर स्कूल बस पिकअप एरिया और सोसाइटी के एंट्री/एग्जिट फुटपाथ के पास आवारा कुत्तों को खाना खिला रही थी।

    सोसाइटी में गैर-निर्धारित जगहों पर कुत्तों को खाना न खिलाने के लिए कहने पर शिकायतकर्ता और याचिकाकर्ता के बीच कहा-सुनी हुई, जिसमें शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता को गाली दी और धमकी दी। अयप्पा की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में शिकायतकर्ता के खिलाफ सिर्फ 'गैर-संज्ञेय' शिकायत दर्ज की। जब याचिकाकर्ता ने उसे नोटिस भेजा तो उसने लगभग चार महीने बाद 24 जनवरी, 2025 को उसके खिलाफ FIR दर्ज कराई।

    जजों ने FIR रद्द करते समय FIR दर्ज करने में हुई इस देरी पर भी विचार किया।

    Case Title: Ayyappa Swami vs State of Maharashtra (Criminal Application 343 of 2025)

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