तलादंडा नहर में पर्यावरण अनुकूल नौका विहार सुविधा क्यों रोकी गई?': उड़ीसा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा
उड़ीसा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि पिछले साल नवंबर से ही इसके उद्घाटन के दूसरे महीने पूरा होने से पहले ही तलदंडा नहर में पर्यावरण अनुकूल नौका विहार सुविधा क्यों रोक दी गई।
जस्टिस संगम कुमार साहू और जस्टिस वी. नरसिंह की खंडपीठ कटक शहर में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों की निगरानी के लिए न्यायालय द्वारा दर्ज जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी।
पीठ गुरुवार को दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में कटक के लोगों के सामने आने वाले कई मुद्दों पर सुनवाई करने के लिए एकत्रित हुई।
सुनवाई के दौरान न्यायालय के संज्ञान में लाया गया कि यद्यपि पिछले वर्ष सितम्बर में तलदण्डा नहर में पर्यावरण अनुकूल नौका विहार सुविधा शुरू की गई थी लेकिन नवम्बर 2023 में इसे बंद कर दिया गया।
न्यायालय ने इस घटनाक्रम पर नाराजगी व्यक्त की तथा राज्य के वकील से यह निर्देश प्राप्त करने को कहा कि ऐसा कदम क्यों उठाया गया तथा आम जनता के लिए यह सुविधा कब पुनः शुरू की जाएगी। न्यायालय ने निर्देश दिया कि राज्य के वकील यह निर्देश प्राप्त करें कि नागरिकों को ऐसी सुविधा से क्यों वंचित रखा गया है तथा क्या इसे पुनः शुरू करने का कोई प्रस्ताव है तथा यदि है तो इसे कब पुनः शुरू किया जाएगा।न्यायालय के संज्ञान में यह भी आया कि पहले नहर के दोनों ओर जालीदार बाड़ लगाई गई थी, जिससे पुनर्निर्मित जल-निकाय में गंदगी न फैले लेकिन वह काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो गई।
पीठ ने आदेश दिया कि ऐसी तार-जालीदार बाड़ के समीप दोनों ओर फुटपाथ भी था, जो क्षतिग्रस्त हो गया तथा इसकी सुंदरता समाप्त हो गई। इसकी मरम्मत तथा इसके जीर्णोद्धार के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश सरकार ने वर्ष 1869 में नहर खोदी थी। हालांकि रखरखाव की कमी और कचरे के निपटान के कारण जलमार्ग दिन-प्रतिदिन प्रदूषित होता गया। पर्यटन विभाग ने इस स्थान पर अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित करने के लिए इसका जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया, जो ऐतिहासिक रैवेनशॉ यूनिवर्सिटी के पास स्थित है।