तेलंगाना हाइकोर्ट ने न्यायालय की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग के लिए नियम अधिसूचित किए
तेलंगाना राजपत्र ने तेलंगाना हाइकोर्ट की ओर से न्यायिक अधिसूचना जारी की। इसके माध्यम से न्यायालय की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग के लिए नियम निर्धारित किए गए।
वर्ष 2022 में जारी हाइकोर्ट ने अब वर्चुअल लाइव-स्ट्रीमिंग बोर्ड के ऊपर इन नियमों का लिंक जोड़ा, जिसे हाइकोर्ट की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
नियम 5 उन मामलों को निर्धारित करता है, जिन्हें लाइव-स्ट्रीमिंग से बाहर रखा जाएगा। इसमें वैवाहिक विवाद बच्चों से संबंधित मामले आदि शामिल हैं। इसमें एक फॉर्म भी निर्धारित किया गया, जिसके माध्यम से लाइव स्ट्रीमिंग के संबंध में आपत्तियां उठाई जा सकती हैं।
नियम में कहा गया,
"कार्यवाही या उसके किसी हिस्से की लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी जाए या नहीं, इस बारे में अंतिम निर्णय पीठ का होगा। हालांकि, पीठ का निर्णय खुली और पारदर्शी न्यायिक प्रक्रिया के सिद्धांत द्वारा निर्देशित होगा।"
नियम आगे बताते हैं कि लाइव कार्यवाही को कब रोका जा सकता है, उन्हें कैसे संग्रहीत किया जाएगा, उन्हें कितने समय तक संग्रहीत किया जाना चाहिए और उन्हें कैसे एक्सेस किया जा सकता है। नियम 9 अस्वीकरण, निषेध और प्रतिबंधों के बारे में बात करता है।
"कोई भी व्यक्ति/संस्था (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म सहित) अधिकृत व्यक्ति/संस्था के अलावा लाइव-स्ट्रीम की गई कार्यवाही या अभिलेखीय डेटा को रिकॉर्ड, साझा और/या प्रसारित नहीं करेगा। यह प्रावधान सभी मैसेजिंग एप्लिकेशन पर भी लागू होगा। इस प्रावधान के विपरीत काम करने वाले किसी भी व्यक्ति/संस्था पर कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा।
न्यायालय के पास रिकॉर्डिंग और अभिलेखीय डेटा पर विशेष कॉपीराइट होगा।
नियम 9.2 में लिखा गया,
लाइव-स्ट्रीम का कोई भी अनधिकृत उपयोग भारतीय कॉपीराइट अधिनियम, 1957, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और अवमानना कानून सहित कानून के अन्य प्रावधानों के तहत अपराध के रूप में दंडनीय होगा।
यह नियम आगे यह निर्धारित करता है कि न्यायालय की पूर्व सहमति के बिना किसी भी कार्यवाही को किसी भी रूप में पुन: प्रस्तुत, प्रेषित, अपलोड, पोस्ट, संशोधित, प्रकाशित या पुनः प्रकाशित नहीं किया जा सकता।