सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट रिकॉर्ड के ई-इंस्पेक्शन की अनुमति देने की याचिका पर हाईकोर्ट से जवाब मांगा

Update: 2024-07-20 11:43 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में वकीलों और वादियों को हाईकोर्ट और अन्य न्यायालयों के डिजिटल न्यायिक अभिलेखों का ऑनलाइन माध्यम से निरीक्षण करने की अनुमति देने की मांग की गई।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए केंद्र और सभी 25 हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरलों से भी जवाब मांगा था।

पीठ ने कहा,

"नोटिस जारी करें। सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से सेवा प्रदान करने की अनुमति है।"

याचिकाकर्ता निम्नलिखित की मांग कर रहा है: (1) सभी हाईकोर्ट और जिला न्यायालयों को निर्देश दिया जाए कि वे आवेदकों और/या उनके वकीलों को न्यायालय के आधिकारिक वेब पोर्टल या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से लंबित और निपटाए गए डिजिटल न्यायालय अभिलेखों का ई-निरीक्षण करने की अनुमति दें; (2) उक्त निर्देशों को 'डिजिटाइज्ड कोर्ट रिकॉर्ड के इलेक्ट्रॉनिक निरीक्षण के लिए दिल्ली हाईकोर्ट नियम, 2023' के अनुरूप समान रूप से नियंत्रित किया जा सकता है; (3) निर्देश केवल संबंधित न्यायालय के नियमों के अनुसार भौतिक निरीक्षण के लिए पात्र व्यक्तियों पर लागू होंगे।

इसके अतिरिक्त, याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट और जिला न्यायालयों को यह सुनिश्चित करके संपूर्ण डिजिटल केस प्रबंधन प्रणाली लागू करने का निर्देश देने की भी मांग की कि जिला न्यायालयों के डिजिटल रिकॉर्ड हाईकोर्ट के रिकॉर्ड के साथ 'इंटरलिंक्ड या हाइपरलिंक्ड' हों। निर्देश अंतर-न्यायालय और अंतर-न्यायालय दोनों स्तरों पर केस की जानकारी तक आसान पहुंच की अनुमति देने के लिए मांगा गया।

अब मामले की सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी।

केस टाइटल: किशन चंद जैन बनाम भारत संघ डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 324/2024

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