NDPS Act | यदि निर्धारित समय के भीतर FSL रिपोर्ट आरोप पत्र के साथ प्रस्तुत नहीं की जाती है तो क्या आरोपी को डिफ़ॉल्ट जमानत मिल सकती है? बड़ी बेंच करेगी सुनवाई

Update: 2024-04-15 06:48 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल को बड़ी पीठ के पास भेज दिया कि क्या नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 (NDPS Act) के तहत अपराध करने का आरोपी व्यक्ति निर्धारित समय के भीतर आरोप पत्र के साथ फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट प्रस्तुत करने में अभियोजन पक्ष की विफलता पर डिफ़ॉल्ट जमानत का हकदार है।

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस पीवी संजय कुमार की दो-जजों की खंडपीठ ने विभिन्न पीठों द्वारा व्यक्त विचारों की विविधता को देखते हुए प्रश्न को बड़ी पीठ के पास भेज दिया।

न्यायालय के समक्ष मुद्दा यह है कि क्या निर्धारित समय के भीतर आरोप पत्र के साथ FSL रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर आरोपी को इस आधार पर डिफ़ॉल्ट जमानत का अधिकार मिल जाएगा कि ऐसी रिपोर्ट के बिना यह अधूरा आरोप पत्र होगा।

खंडपीठ दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका पर विचार कर रही थी, जिसने FSL रिपोर्ट की आपूर्ति न करने के आधार पर डिफ़ॉल्ट जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

खंडपीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो बनाम कपिल वधावन और अन्य 2024 लाइव लॉ (एससी) 58 में समन्वय पीठ द्वारा पारित फैसले पर ध्यान दिया, जिसमें कहा गया कि आरोपपत्र केवल इसलिए अमान्य नहीं होगा, क्योंकि अभियोजन पक्ष ने इसके साथ कुछ दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए।

खंडपीठ ने यह भी कहा कि ऐसी अन्य याचिकाएं भी लंबित हैं, जिनमें यही सवाल उठाया गया। हालांकि, अभी तक अंतिम विचार व्यक्त नहीं किया गया। हालांकि कुछ मामलों में आरोपियों को अंतरिम जमानत देने के अंतरिम आदेश पारित किए गए।

इस पृष्ठभूमि में खंडपीठ ने कहा:

"अंतरिम जमानत देने के सवाल पर भी इस न्यायालय की विभिन्न पीठों के विचारों में विविधता को देखते हुए हमारी राय है कि बड़ी पीठ इस सवाल का फैसला कर सकती है कि क्या अभियोजन पक्ष की ओर से इसमें विफलता शामिल है। NDPS Act की धारा 36ए सपठित संहिता की धारा 167(2) में निर्दिष्ट समय के भीतर आरोप पत्र के साथ जब्त प्रतिबंधित सामग्री से संबंधित FSL रिपोर्ट आरोपी को डिफ़ॉल्ट जमानत का अधिकार देगी या नहीं।''

केस टाइटल: हनीफ अंसारी बनाम राज्य (एनसीटी दिल्ली सरकार) (एसएलपी (सीआरएल) नंबर 15293/2023 पर 19.03.2024 को निर्णय लिया गया।

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