जज के PSO की घटना: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में जांच पर उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से स्वर्ण मंदिर में मौजूदा जज के निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) से बंदूक निकालकर आत्महत्या करने के मामले की जांच पर उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी।
चीफ जस्टिस न्यायाधीश शील नागू और अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने कहा,
"पंजाब राज्य को निर्देश दिया जाता है कि वह घटना के बाद उठाए गए कदमों और की गई जांच को अगली तारीख पर इस अदालत के समक्ष सीलबंद लिफाफे में पेश करे।"
अदालत ने यूटी चंडीगढ़ की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट को संबंधित जज की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश मांगने का भी निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी सुझाव दिया कि जज की सुरक्षा के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों को तैनात किया जा सकता है।
यह घटनाक्रम तब सामने आया जब खंडपीठ ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया,
"22.09.2024 को 'द ट्रिब्यून' और 'जागरण' अखबार में प्रकाशित समाचार के आधार पर जो रविवार को स्वर्ण मंदिर, अमृतसर, पंजाब में हुआ था, जब बदमाश ने इस न्यायालय के वर्तमान जज के PSO की बन्दूक निकाली और खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।"
मामला आगे के विचार के लिए 27 सितंबर को सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल- न्यायालय अपने स्वयं के प्रस्ताव पर बनाम पंजाब राज्य और अन्य