दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट आयोजक को नॉइज़ लिमिट का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया: चंडीगढ़ यूटी प्रशासन

Update: 2025-01-09 09:54 GMT

चंडीगढ़ यूटी प्रशासन ने पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के आयोजक को नॉइज़ लिमिट का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था, यह देखते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार (9 जनवरी) को कार्यक्रम के दौरान ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्देश देने वाली जनहित याचिका का निपटारा कर दिया।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुधीर सिंह की खंडपीठ ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि अदालत ने 13 दिसंबर को 14 दिसंबर को कॉन्सर्ट आयोजित करने की अनुमति देते हुए निर्देश दिया कि कार्यक्रम में शोर सीमा का पालन किया जाना चाहि। अधिकतम 75 डेसिबल के शोर स्तर के साथ परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को बनाए रखना चाहिए अन्यथा आयोजकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

अदालत निवासी रणजीत सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें चंडीगढ़ में संगीत कार्यक्रम के लिए यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, ध्वनि प्रदूषण आदि पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए यूटी प्रशासन को निर्देश देने की मांग की गई थी।

यूटी प्रशासन की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि एक अनुपालन रिपोर्ट दायर की गई, जिसके साथ SDM दक्षिण यूटी प्रशासन का 16 दिसंबर का पत्र भी था। इसमें खुलासा किया गया कि 75 के डेसिबल स्तर का उल्लंघन किया गया।

अदालत ने कहा,

“इसके अनुसार यूटी प्रशासन ने 2 जनवरी को आयोजक कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें पूछा गया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा 15 सी के तहत कार्रवाई क्यों न की जाए। उपरोक्त के मद्देनजर यह अदालत संतुष्ट है कि चूंकि विशेष डेसिबल स्तर को बनाए रखने के अंतरिम आदेश का उल्लंघन किया गया था, इसलिए यूटी प्रशासन ने कानून के अनुसार उचित कदम उठाए हैं, जिसके बारे में अदालत का मानना है कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद इसे तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा।”

इसके बाद इसने जनहित याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी।

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने हल्के-फुल्के अंदाज में मौखिक टिप्पणी की कि इस महीने अहमदाबाद में ब्रिटिश बैंड कोल्डप्ले का संगीत कार्यक्रम हो रहा है।

इसके बाद न्यायालय ने याचिकाकर्ता से मौखिक रूप से कहा,

"वहां जाकर याचिका दायर करे। यह 50 लाख की क्षमता वाले सबसे बड़े स्टेडियम में हो रहा है, टिकटों के लिए खिड़की बंद होने में सिर्फ 4 सेकंड लगे और 1,50,000 टिकटें सिर्फ 4 सेकंड में बिक गईं।"

न्यायालय को यह भी बताया गया कि बैंड को भारत में शो की संख्या बढ़ानी पड़ी, क्योंकि टिकटें 5-10 मिनट में बिक गईं।

इसी स्थान पर पहले आयोजित एक अन्य कार्यक्रम का संदर्भ देते हुए याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया कि आयोजकों और अधिकारियों ने यातायात प्रबंधन, ध्वनि प्रदूषण और सार्वजनिक सुरक्षा जैसे मुद्दों की अनदेखी की है, जिससे संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के बारे में भी आरोप लगाए गए, जिनमें 2000 के ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम भी शामिल हैं।

केस टाइटल: रणजीत सिंह बनाम चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश और अन्य

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