हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय गैस पाइपलाइन परियोजना को कथित रूप से रोकने के लिए पंजाब के स्थानीय लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की GSPL की याचिका पर नोटिस जारी किया
पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने गुजरात सरकार के उपक्रम GSPL इंडिया गैसनेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। इसमें राष्ट्रीय पाइपलाइन परियोजना को कथित रूप से रोकने वाले स्थानीय लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पंजाब सरकार को निर्देश देने की मांग की गई।
जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज ने पंजाब सरकार अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया और मामले को 02 मई के लिए सूचीबद्ध किया।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 2017 में केंद्र सरकार ने जनहित में यह आवश्यक समझा कि गुजरात के मेहसाणा से पंजाब के भटिंडा तक प्राकृतिक गैस के परिवहन के लिए गुजरात सरकार के उपक्रम GSPL द्वारा पाइपलाइन बिछाई जानी चाहिए।
आरोप है कि जब परियोजना का काम चल रहा था तब बठिंडा की तहसील तलवंडी साभो के भूमि स्वामियों ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया और अधिकारियों को धमकाया तथा मशीनरी को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास किया।
याचिका में कहा गया कि बठिंडा के एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने SSP को परियोजना को पूरा करने के लिए पुलिस सहायता प्रदान करने के निर्देश जारी किए। इसके बावजूद, स्थानीय प्रशासन पर्याप्त सहायता प्रदान नहीं कर रहा है।
याचिका में कंपनी के कर्मचारियों को हिरासत में लेने, जान से मारने की धमकी देने वाहनों को नुकसान पहुंचाने तथा सरकारी परियोजना को रोकने के लिए स्थानीय लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए राज्य को निर्देश देने की मांग की गई।
याचिकाकर्ता के लिए सीनियर वकील बिपिन घई तथा वकील अनुपम भनोट निखिल घई तथा स्तुति शारदा।
विपन पाल यादव, अतिरिक्त ए.जी. पंजाब।
केस टाइटल- जीएसपीएल इंडिया गैसनेट लिमिटेड तथा अन्य बनाम पंजाब राज्य तथा अन्य