पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने समन के पीछे जज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां लिखने के लिए वकील के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया
पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने वकील के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया, जिसने कथित तौर पर अपने मुवक्किल को भेजे गए समन के पीछे ट्रायल कोर्ट जज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुखविंदर कौर की खंडपीठ ने कहा,
''समन के पीछे प्रतिवादी-अवमाननाकर्ता द्वारा किया गया अवमाननापूर्ण समर्थन भी प्रतिवादी द्वारा किया गया प्रतीत होता है, जिससे कारण बताओ नोटिस बनता है।'
आदेश दिया गया कि प्रतिवादी को यह स्पष्ट करने के लिए जारी किया जाए कि उसके खिलाफ अदालत की आपराधिक अवमानना करने की कार्यवाही क्यों न की जाए।
अदालत ने हरियाणा के रोहतक में एक ट्रायल कोर्ट में आपराधिक मामले में शिकायतकर्ता के वकील द्वारा उसे भेजे गए समन के पीछे कथित तौर पर लिखे गए अवमाननापूर्ण नोट पर स्वत: संज्ञान लिया। उन्होंने कथित तौर पर लिखा कि पीठासीन अधिकारी और उनके वकील आरोपी के साथ मिले हुए है।
इसके बाद न्यायाधीश द्वारा एक और नोटिस जारी किया गया, जिसमें बताया गया कि आरोपी के पक्ष में रद्दीकरण रिपोर्ट है। जब दूसरा नोटिस मिला तो भेजे गए समन के पीछे कथित तौर पर एक और अवमाननापूर्ण नोट दर्ज किया गया।
जज ने जिला एवं सेशन जज रोहतक को सूचित किया कि एक और अवमाननापूर्ण रिपोर्ट प्राप्त हुई है। परिणामस्वरूप जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उक्त तथ्य को हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के संज्ञान में लाया।
पिछली कार्यवाही में न्यायालय ने कहा कि मजिस्ट्रेट को यकीन नहीं है कि लेखन कथित अवमाननाकर्ता या किसी अन्य व्यक्ति का था क्योंकि अधिकारी उक्त व्यक्ति के लेखन से परिचित नहीं है और यह आरोप लगाया गया कि वह शिकायतकर्ता का बेटा है।
वहीं वर्तमान कार्यवाही में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने पुष्टि की,
“गणपत शर्मा वकील वही हैं, जिन्होंने 25-04-2023 और 21-09-2023 के लिए जारी नोटिस के पीछे अपने हाथ से आपत्तिजनक टिप्पणियां लिखी हैं।"
उपरोक्त के आलोक में न्यायालय ने यह बताने के लिए अवमानना नोटिस जारी किया कि क्यों न उसके खिलाफ अदालत की आपराधिक अवमानना करने की कार्यवाही शुरू की जाए।
मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 19 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल- कोर्ट ऑन इट्स ओन मोशन बनाम गणपत शर्मा