पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश न मानने पर जांच अधिकारी पर 10,000 जुर्माना लगाया, वेतन से वसूली के निर्देश
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी (IO) पर 10,000 का जुर्माना लगाया, क्योंकि उन्होंने अदालत के इस निर्देश का पालन नहीं किया कि वह केस डायरी के साथ स्वयं उपस्थित हों।
मामला एक सुरक्षा याचिका से संबंधित है, जिसमें याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उनके खाते से 6.4 लाख से अधिक राशि निकाल ली और साइबर क्राइम मामले में बिना उचित प्रक्रिया अपनाए, उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पिछली सुनवाई में अदालत ने केस के जांच अधिकारी को तलब किया था।
जस्टिस सुमीत गोयल ने नोट किया कि राज्य के वकील की सहायता के लिए हेड कॉन्स्टेबल मनीषा अदालत में उपस्थित हुईं, लेकिन संबंधित जांच अधिकारी न तो पेश हुए और न ही अनुपालन न करने का कोई ठोस कारण दिया।
अदालत ने टिप्पणी की,
“ऐसा अवमाननापूर्ण आचरण न केवल न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालता है बल्कि अदालत के बहुमूल्य समय की बर्बादी भी करता है। आदेश की ऐसी स्पष्ट अवहेलना के लिए कोई उचित कारण न होने पर अदालत को कड़ा रुख अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।”
इसके परिणामस्वरूप अदालत ने जांच अधिकारी पर 10,000 का जुर्माना लगाया और आदेश दिया कि झज्जर के पुलिस आयुक्त यह राशि उक्त अधिकारी के वेतन से वसूल कर हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करें। पुलिस आयुक्त को इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के भी निर्देश दिए गए।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को तय की है और झज्जर के पुलिस आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: संदीप मोंगा बनाम राज्य हरियाणा एवं अन्य