Same-Sex Habeas Plea | पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य को नाबालिग लड़की को मनोवैज्ञानिक के पास ले जाने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने DCP पंचकुला को निर्देश दिया कि वह समलैंगिक जोड़े के बंदी मामले में नाबालिग साथी को काउंसलिंग में ले जाएं, क्योंकि वह अपने साथी के प्रभाव में है।
जस्टिस संदीप मोदगिल ने एमिक्स क्यूरी के सुझाव पर ध्यान दिया कि नाबालिग लड़की अपने साथी के गहरे प्रभाव में है और उसे जल्द से जल्द मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए ले जाया जाना चाहिए।
DCP पंचकुला ने प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक के साथ बाल कल्याण समिति हरियाणा से परामर्श के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का कार्य किया।
अदालत ने कहा,
"यह निर्देश दिया जाता है कि (नाबालिग लड़की को) उक्त समिति से अपेक्षित जानकारी और नियुक्ति के बाद आवश्यकता और परामर्शदाता की सलाह के अनुसार, ऐसी काउंसलिंग के लिए लिया जाए।"
अदालत ने राज्य को एक SIT गठित करने का निर्देश दिया, जिसमें ASI आनंद शामिल नहीं होंगे, जिनके खिलाफ याचिकाकर्ता और कथित हिरासत में लिए गए व्यक्ति द्वारा दुर्व्यवहार और पिटाई के आरोप लगाए गए।
मामले को 05 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध करते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि जांच के नतीजे को पंचकुला के पुलिस उपायुक्त हिमाद्रि कौशिक द्वारा हलफनामे के माध्यम से अवगत कराया जाए।
मामले की पृष्ठभूमि
अदालत दिसंबर, 2023 में कथित बंदी के साथी द्वारा दायर हेबियस कॉर्पस याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उसने दावा किया कि जब उन्होंने एक साथ रहने की इच्छा व्यक्त करते हुए पुलिस से संपर्क किया तो अधिकारी ने कथित तौर पर उन्हें थप्पड़ मारा और कथित बंदी को जबरन उसके परिवार पास ले जाया गया।
कथित बंदी के साथी द्वारा दायर याचिका में यह भी कहा गया कि कथित बंदी के परिवार के सदस्य उसे अपनी पसंद के किसी व्यक्ति से शादी करने के लिए मजबूर कर सकते हैं, क्योंकि वे पहले ही ऐसा करने की धमकी दे चुके हैं, या यहां तक कि उसे घातक शारीरिक नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
वहीं, प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार कथित कस्टडी में ली गई लड़की नाबालिग पाई गई। अदालत ने उसकी कस्टडी उसके माता-पिता को सौंप दी। अदालत ने यह भी पाया कि उसके नाम पर दो आधार कार्ड जारी किए गए। उनमें से एक के अनुसार वह नाबालिग है और दूसरे के अनुसार बालिग है।
इस बीच कोर्ट ने यूडीआईएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) और अन्य संबंधित अधिकारियों से यह बताने को कहा कि नाबालिग लड़की के नाम पर अलग-अलग जन्मतिथि वाले दो आधार कार्ड कैसे जारी किए गए।
06 मार्च को लड़की के पिता ने अदालत के समक्ष शिकायत की कि उनकी बेटी को याचिकाकर्ता ने उनके घर से अपहरण कर लिया और उसका कोई पता नहीं है।
अदालत ने तब कहा,
"यदि कथित हिरासत में लिए गए व्यक्ति के पिता के आरोपों को सही माना जाता है, जो इस स्तर पर भी प्रथम दृष्टया अपहरण का मामला प्रतीत होता है, विशेष रूप से वर्तमान याचिका के लंबित होने के दौरान, जिसमें इस न्यायालय के हाथ में अपहरण का मुद्दा है। नाबालिग को उसके माता-पिता ने अदालत में हिरासत में ले लिया यह चौंकाने वाला है, जो मशीनरी और कानून व्यवस्था लागू करने की पूरी विफलता को दर्शाता है।”
13 मार्च को कथित तौर पर अगवा की गई नाबालिग लड़की अदालत में पेश हुई। उसने बताया कि पुलिस स्टेशन चंडीमंडी के एएसआई आनंद के हाथों उस जोड़े को प्रताड़ित किया गया और पीटा गया।
यह मानते हुए कि नाबालिग लड़की अपने माता-पिता के साथ जाने को तैयार नहीं है, कोर्ट ने उसे आश्रय गृह भेज दिया।
केस टाइटल- XXX बनाम हरियाणा राज्य एवं अन्य।