पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने CBI से संदिग्ध अवैध धार्मिक धर्मांतरण के मुद्दे की जांच करने को कहा
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दोहराया कि CBI को अंतर-धार्मिक विवाह के नाम पर संदिग्ध अवैध धार्मिक धर्मांतरण के कारणों की जड़ों की गहराई से जांच करने की आवश्यकता है।
जस्टिस संदीप मौदगिल ने ऑटोरिक्शा में बिना किसी गवाह के अंतर-धार्मिक विवाह से जुड़े मामले के सामने आने पर यह निर्देश दिया।
अपने पिछले आदेश को दोहराते हुए न्यायालय ने कहा,
"यह ऐसा मामला है जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो से अनुरोध किया जाना चाहिए कि वह इस मामले में उठाए गए कारणों और चिंताओं की गहराई से जांच करे यानी अवैध धर्म परिवर्तन की आशंका और संदेह, खासकर जिस तरह से वर्तमान विवाह को संपन्न होने का अनुमान लगाया गया, उससे विवाह के संपन्न होने पर ही गंभीर संदेह पैदा हो गया।"
CBI ने धारा 482 CrPC के तहत आवेदन दायर कर न्यायालय के पिछले आदेश में स्पष्टीकरण और संशोधन की मांग की, जिसमें केंद्रीय एजेंसी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया। आवेदन में कहा गया कि गहन जांच करने के लिए मुद्दों की प्रारंभिक जांच करने के लिए न्यायालय से CBI को एक विशिष्ट निर्देश की आवश्यकता होगी।
न्यायालय ने आवेदन स्वीकार कर लिया और एजेंसी को प्रारंभिक जांच के समापन के बाद सुनवाई की अगली तारीख पर अवगत कराने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने DGP यूटी चंडीगढ़ को CBI द्वारा आवश्यकतानुसार आवश्यक जनशक्ति उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।
केस टाइटल- XXXX बनाम पंजाब राज्य और अन्य