NEET-PG : हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ यूटी द्वारा यूटी कोटा को ऑल इंडिया कोटा में पुनः आवंटित करने के फैसले को मंजूरी दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने वह याचिका खारिज की, जिसमें चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश (UT) द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स (PG Medical Courses) में Union Territory Pool quota के अंतर्गत आरक्षित सीटों को All India Quota (AIQ) में पुनः आवंटित (reallocate) किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने इस निर्णय को बरकरार रखते हुए कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, चंडीगढ़ (GMCH) में एमडी/एमएस एडमिशन के लिए निवास आधारित आरक्षण से जुड़ा विवाद पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'श्रे गोयल बनाम यूनियन ऑफ इंडिया' के मामले में सुलझाया जा चुका है।
जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु और जस्टिस एच.एस. ग्रेवाल की खंडपीठ ने कहा,
"पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में निवास आधारित आरक्षण से संबंधित कानूनी मुद्दा माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'श्रे गोयल' के फैसले में पहले ही तय किया जा चुका है।"
सुप्रीम कोर्ट ने 'श्रे गोयल' के निर्णय में यह स्पष्ट किया कि पीजी मेडिकल सीटों में डोमिसाइल (निवास) आधारित आरक्षण असंवैधानिक है, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट गुरमिंदर सिंह ने तर्क दिया कि भले ही 'श्रे गोयल' मामले में सुप्रीम कोर्ट ने PG मेडिकल कोर्स में निवास आधारित आरक्षण को पूरी तरह से असंवैधानिक ठहराया था, लेकिन यह भी कहा कि यह फैसला उन छात्रों पर लागू नहीं होगा जो पहले से ही GMCH में पीजी कोर्स कर रहे हैं या कर चुके हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि हाईकोर्ट की को-ऑर्डिनेट बेंच ने 'शुभमदीप सिंह कंग' मामले में स्पष्ट किया कि PG Admission-2024 में UT चंडीगढ़ को 'श्रे गोयल' के निर्णय के अनुसार ही दाखिले की प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
कोर्ट ने संबंधित सार्वजनिक नोटिस का अवलोकन करते हुए कहा,
"स्पष्ट है कि उत्तरदाता (UT प्रशासन) सुप्रीम कोर्ट के 'श्रे गोयल' मामले में 29.01.2025 के निर्णय, 24.03.2025 के आदेश और 'शुभमदीप सिंह कंग' के मामले के अनुसार विशेष काउंसलिंग राउंड आयोजित करने जा रहे हैं।"
कोर्ट ने आगे कहा कि शुभमदीप सिंह कंग बनाम चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश' [CWP-9749-2025] मामले में हाईकोर्ट की समन्वय पीठ ने यह स्पष्ट किया कि GMCH में दाखिले की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के 'श्रे गोयल' निर्णय के अनुसार ही की जाए।
इन तथ्यों के मद्देनजर कोर्ट ने कहा,
"यह कहने में कोई झिझक नहीं कि GMCH में 2024 के एमडी/एमएस पाठ्यक्रमों में दाखिले से संबंधित विवाद पहले ही 'शुभमदीप सिंह कंग' मामले में तय हो चुका है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के श्रे गोयल निर्णय का पालन किया गया। इसलिए इस विषय पर फिर से याचिका दायर करना उचित नहीं है।"
याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि याचिकाकर्ता यदि चाहें तो सुप्रीम कोर्ट या समन्वय पीठ द्वारा दिए गए निर्देशों की कथित अवहेलना के लिए कानून के अनुसार उचित उपाय अपना सकते हैं।
टाइटल: अविजीत चंदर व अन्य बनाम चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश व अन्य