Lawrence Bishnoi Interview From Prison Row| पुलिस का कदाचार और लापरवाही पाया गया: SIT ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को बताया

Update: 2024-10-16 06:34 GMT

लॉरेंस बिश्नोई के जेल से इंटरव्यू मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच एजेंसी (SIT) ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष हलफनामे में कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा कदाचार लापरवाही और कर्तव्य के प्रति लापरवाही पाई गई।

जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस लपिता बनर्जी की पीठ ने कहा,

"प्रबोध कुमार, विशेष पुलिस महानिदेशक, पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग-सह-एसआईटी के प्रमुख ने पुलिस स्टेशन स्टेट क्राइम, पंजाब एसएएस नगर में दिनांक 05.01.2024 को दर्ज FIR नंबर 1 में जांच पूरी होने के संबंध में हलफनामा दायर किया। हलफनामे में कहा गया कि धारा 173 CrPC (अब BNSS, 2023) के तहत पुलिस रिपोर्ट 09.10.2024 को JMIC, जिला एसएएस नगर की अदालत में दायर की गई। हलफनामे में स्व-निहित नोट संलग्न किया गया, जो संबंधित अधिकारियों द्वारा कदाचार, लापरवाही और कर्तव्य की उपेक्षा को दर्शाता है।"

पंजाब राज्य के वकील ने प्रस्तुत किया कि उन्हें उपरोक्त स्व-निहित नोट प्राप्त हुआ। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू की गई। यह घटनाक्रम पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा गठित SIT द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद सामने आया कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का पहला इंटरव्यू अपराध और अपराधियों का महिमामंडन करते हुए तब लिया गया, जब वह पंजाब के खरड़ में अपराध जांच एजेंसी (CIA) परिसर में था और दूसरा इंटरव्यू जयपुर जेल में हुआ था।

पिछली कार्यवाही में न्यायालय ने यह भी सवाल उठाया कि पंजाब पुलिस के उस अधिकारी को जो अपराध खुफिया एजेंसी (CIA) में तैनात था, जहां लॉरेंस बिश्नोई का जेल से इंटरव्यू कथित तौर पर लिया गया था रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार क्यों दिया गया।

मामले को 28 नवंबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए न्यायालय ने कहा कि एडीजीपी (कारावास) अरुण पाल सिंह ने प्रस्तुत किया कि वी-कवच जैमर लगाने की दिशा में कई कदम उठाए गए और इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा।

केस टाइटल: न्यायालय द्वारा पंजाब राज्य और अन्य के विरुद्ध स्वयं के प्रस्ताव पर

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