पंजाब के जिलों में उपभोक्ता फोरम के लिए कोई समर्पित भवन नहीं? हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया कि पंजाब के तीन जिलों मलेरकोटला, फाजिल्का और पठानकोट में जिला उपभोक्ता आयोगों को चलाने के लिए कोई समर्पित भवन या पर्याप्त बुनियादी ढांचा नहीं है।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुधीर सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा,
"क्या इन जिलों में उपभोक्ता फोरम चलाने के लिए कोई भवन बनाया गया?"
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए याचिकाकर्ता ने दावा किया,
"वहां सिर्फ एक कमरा है, बिजली या पानी जैसी कोई सुविधा नहीं है।"
चीफ जस्टिस नागू ने तब पंजाब सरकार के वकील से मौखिक रूप से कहा,
"आपको सभी सुविधाएं प्रदान करनी होंगी।"
आरोपों पर विचार करते हुए पीठ ने राज्य को नोटिस भी जारी किया।
पेशे से वकील कंवल पाहुल सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि पंजाब के उपरोक्त तीन जिलों में जिला उपभोक्ता आयोगों के लिए कोई बुनियादी ढांचा प्रदान नहीं किया गया।
याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि उपभोक्ता मंच न्याय प्रदान करने या प्रभावी ढंग से काम करने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि मंच स्वयं बुनियादी ढांचे की कमी के कारण काम करने की स्थिति में नहीं हैं।
इसमें कहा गया,
"स्थापना का मतलब कभी भी केवल अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो सकता है, बल्कि इसे आवश्यक बुनियादी ढांचे और पूर्ण जनशक्ति के साथ स्थापित किया जाना चाहिए, तभी आयोग अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से और उचित और उचित तरीके से पूरा कर सकता है।"
मामले को आगे के विचार के लिए 18 फरवरी तक के लिए टाल दिया जाता है।
टाइटल: कंवर पाहुल सिंह बनाम पंजाब राज्य और अन्य।