नए हाईकोर्ट भवन के निर्माण के लिए वैकल्पिक स्थल तलाशें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया

Update: 2025-07-15 06:37 GMT

बढ़ती यातायात संख्या और स्थान की कमी को देखते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासन को नए हाईकोर्ट भवन के निर्माण के लिए वैकल्पिक स्थल तलाशने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट राजधानी चंडीगढ़ में शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है। इसे प्रसिद्ध फ्रांसीसी वास्तुकार ली कॉर्बूसियर ने डिज़ाइन किया था। इस प्रकार यह एक वास्तुशिल्प चमत्कार होने का दावा करता है।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा,

"केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को चंडीगढ़ के आईटी पार्क क्षेत्र में हाईकोर्ट के नए भवन के निर्माण के लिए वैकल्पिक स्थल तलाशने का निर्देश दिया जाता है।"

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह निर्देश इसलिए दिया जा रहा है, क्योंकि हाईकोर्ट को आवंटित 15 एकड़ भूमि और सारंगपुर गांव में हाईकोर्ट को आवंटित की जाने वाली प्रस्तावित अतिरिक्त 33 एकड़ भूमि व्यावहारिक नहीं हो सकती, क्योंकि सारंगपुर गांव तक पहुंच प्रतिबंधित है। PGIMER चौक पर यातायात की भीड़ के कारण अक्सर जाम रहता है।

न्यायालय चीफ जस्टिस न्यायालय (न्यायालय कक्ष संख्या 1) के सामने बरामदे के निर्माण हाईकोर्ट के लिए पार्किंग स्थल हाईकोर्ट के अतिरिक्त भवन या प्रशासनिक शाखाओं के आवंटन सहित विभिन्न मुद्दों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।

सुनवाई के दौरान केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के सीनियर सरकारी वकील ने आश्वासन दिया कि उक्त बरामदे के संशोधित चित्र तैयार कर लिए गए और निर्माण कार्य 25 अगस्त तक पूरा हो जाएगा।

मई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट रूम नंबर 1 के सामने बरामदा बनाने और हाईकोर्ट परिसर के भीतर कच्चे पार्किंग क्षेत्र को हरित पेवर्स और वृक्षारोपण से विकसित करने के निर्देशों को बरकरार रखा था।

उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा उठाई गई चुनौती को खारिज कर दिया और कहा कि बरामदे का निर्माण विश्व धरोहर स्थलों से संबंधित यूनेस्को के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं करता।

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का निर्माण सीमित संख्या में कोर्ट रूम्स के लिए किया गया। इसने 1955 में 8 जजों की क्षमता के साथ कार्य करना शुरू किया था। बाद में 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम द्वारा पटियाला एवं पूर्वी पंजाब राज्य संघ (पेप्सू) का पंजाब में विलय कर दिए जाने और पेप्सू हाईकोर्ट के जजों को पंजाब हाईकोर्ट में शामिल कर दिए जाने के बाद यह संख्या बढ़कर 13 हो गई।

अब इसमें जजों की स्वीकृत संख्या 85 हो गई है, जिसमें 64 स्थायी और 21 अतिरिक्त जज (मुख्य न्यायाधीश सहित) शामिल हैं।

टाइटल: विनोद धत्तेवाल एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य

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