हरियाणा में अवैध प्ले स्कूल में बच्चे की मौत, हाईकोर्ट ने सुरक्षा मानकों पर राज्य से रिपोर्ट व ज़िम्मेदार अधिकारी का नाम मांगा
हरियाणा के एक अवैध (अनरजिस्टर्ड) प्ले स्कूल में बच्चे की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ऐसे संस्थानों के लिए लागू सुरक्षा मानकों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी।
अदालत ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह उस अधिकारी का नाम और पद बताएं, जो प्ले स्कूलों की निगरानी और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार है।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार द्वारा दायर जवाबी हलफनामा पढ़ते हुए टिप्पणी की कि उसमें उस अधिकारी का नाम दर्ज नहीं है, जो प्ले स्कूलों में तय मानकों के पालन की निगरानी करता है।
खंड़पीठ ने कहा
“सख्त दिशानिर्देश मौजूद नहीं हैं।”
अदालत ने इस मुद्दे पर अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) को भी मामले में पक्षकार बनाया।
अदालत यह मामला स्वतः संज्ञान में सुन रही थी, जिसमें हरियाणा के सिरसा के एक अवैध प्ले स्कूल में चार वर्षीय बच्चे की मौत हुई।
प्रशासनिक आदेश में चीफ जस्टिस ने बताया,
"एक समाचार (अनुबंध 'A') टाइटल 'Unregistered playschool under fire after 4-year-old boy dies in Sirsa' दिनांक 06.07.2025 को 'The Sunday Tribune, Chandigarh Edition' में प्रकाशित हुआ, जिसमें बताया गया कि चार वर्षीय बच्चे अरमान की मौत सिरसा के गांव ममेड़ा कलां में स्थित एक अवैध प्ले स्कूल में प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुई।”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिरसा जिले के ममेड़ा कलां गांव में अवैध प्ले स्कूल में चार वर्षीय अरमान की मौत ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है और प्रशासनिक लापरवाही सामने आई।
रिपोर्ट में कहा गया,
"द स्मॉल वंडर प्ले स्कूल जहां घटना हुई, बिना किसी सरकारी पंजीकरण या मूलभूत सुरक्षा उपायों के संचालित हो रहा था।"
रिपोर्ट यह भी बताती है कि सिरसा जिले में करीब 50 से अधिक प्ले स्कूल बिना पंजीकरण के चल रहे हैं, जो बाल सुरक्षा मानकों का खुला उल्लंघन है।