पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने IT पार्क स्थित लालित होटल को मिली पर्यावरण मंजूरी की मांगी जानकारी, नए कोर्ट भवन पर यूटी प्रशासन की आपत्ति के बाद उठाए सवाल
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के आईटी पार्क क्षेत्र में स्थित The Lalit Hotel को दी गई पर्यावरण मंजूरी से जुड़े दस्तावेज मांगे। यह निर्देश उस वक्त आया, जब यूटी प्रशासन ने उसी क्षेत्र में नए हाईकोर्ट भवन के निर्माण पर पर्यावरणीय आधार पर आपत्ति जताई।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की पीठ ने कहा,
"आईटी पार्क क्षेत्र से जुड़ी पर्यावरणीय आपत्तियों का दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत किया जाए।"
कोर्ट ने चंडीगढ़ यूटी प्रशासन को एक हलफनामा दायर करने को कहा, जिसमें उन्हें निम्नलिखित सवालों के जवाब देने होंगे:
1. यदि कोर्ट रूम्स की आवश्यकता घटा दी जाए तो क्या होलिस्टिक प्लान को यूटी प्रशासन और हेरिटेज कमेटी की मंजूरी मिल सकती है? पहले यूटी प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ इस योजना को मंजूरी देने की बात कही थी। वे शर्तें क्या थीं?
2. यूटी प्रशासन द्वारा The Lalit Hotel के लिए जारी स्वीकृति आदेश और पर्यावरणीय अधिकारियों द्वारा जारी एनओसी दस्तावेज।
3. आईटी पार्क क्षेत्र से संबंधित दस्तावेज और वहां वन्यजीव बोर्ड द्वारा लगाए गए प्रतिबंध।
यह मामला कई याचिकाओं से जुड़ा है, जिनमें चीफ जस्टिस कोर्ट (कोर्ट रूम नंबर 1) के सामने बरामदे के निर्माण हाईकोर्ट के लिए पार्किंग स्थल और प्रशासनिक शाखाओं के लिए अतिरिक्त भवन की मांग शामिल है।
बढ़ती भीड़ और जगह की कमी को देखते हुए पिछले सुनवाई में कोर्ट ने यूटी प्रशासन को नए हाईकोर्ट भवन के लिए वैकल्पिक स्थान तलाशने का निर्देश दिया। परंतु इस सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि यूटी प्रशासन कोई संतोषजनक योजना प्रस्तुत नहीं कर सका है।
कोर्ट ने यह भी नोट किया कि सेक्टर-12 PGIMER चौराहे की भीड़भाड़ की समस्या का कोई व्यावहारिक समाधान नहीं बताया गया। यदि हाईकोर्ट को गांव सारंगपुर स्थानांतरित किया जाता है तो वहां जाने वाला सारा ट्रैफिक इसी मार्ग से होकर गुजरेगा, जिससे वकीलों, जजों, कर्मचारियों और आम जनता को परेशानी होगी।
आईटी पार्क को लेकर कोर्ट ने कहा कि यूटी प्रशासन ने वहां पर्यावरणीय मंजूरी और भवन निर्माण पर वन्यजीव बोर्ड की आपत्तियों का हवाला दिया, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि यह क्षेत्र सुखना झील पर आने वाले प्रवासी पक्षियों के उड़ान मार्ग में आता है।
कोर्ट ने कहा कि जब कोई व्यावहारिक समाधान सामने नहीं आ रहा है तो होलिस्टिक प्लान को फिर से व्यवहारिक रूप देने की संभावना तलाशना उचित होगा।
कोर्ट को बताया गया कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने यूटी प्रशासन के सक्षम अधिकारियों के साथ 7 अगस्त को बैठक आयोजित करने पर सहमति दी। इस बैठक की अध्यक्षता एएसजी सत्य पाल जैन करेंगे।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त तक के लिए स्थगित करते हुए यूटी प्रशासन से उस बैठक की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: विनोद धत्तेवाल बनाम भारत सरकार व अन्य