आईपीएस वाई. पूरण आत्महत्या मामला: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस से जांच की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी

Update: 2025-11-10 11:52 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सीनियर हरियाणा आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण की संदिग्ध आत्महत्या की जांच को लेकर चंडीगढ़ पुलिस से विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट तलब की।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने चंडीगढ़ पुलिस से पूछा कि जांच किस स्तर पर पहुंच चुकी है। क्या किसी अधिकारी को नामजद किया गया या नहीं, और अब तक क्या प्रगति हुई है, जबकि घटना को एक महीने से भी अधिक समय बीत चुका है।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी।

यह याचिका हरियाणा के एक एनजीओ के अध्यक्ष नवीन कुमार द्वारा दायर की गई, जिसमें वाई. पूरण की आत्महत्या के पीछे की परिस्थितियों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की गई।

याचिका में कहा गया कि चंडीगढ़ पुलिस द्वारा की जा रही जांच निष्पक्ष नहीं कही जा सकती, क्योंकि मृत अधिकारी हरियाणा कैडर से संबंधित थे और जांच एजेंसी प्रशासनिक व संस्थागत सीमाओं से घिरी हुई है।

वाई. पूरण ने 7 अक्टूबर को अपने चंडीगढ़ स्थित घर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उनके पास से बरामद आत्महत्या नोट में हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत कपूर और तत्कालीन रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया सहित कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए, जिनमें जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न के आरोप शामिल हैं।

याचिका में दावा किया गया कि कई आत्महत्या नोट बरामद हुए, जिनमें से एक कथित रूप से घटना से करीब एक महीने पहले लिखा गया था। इन नोटों में आठ आईपीएस और दो आईएएस अधिकारियों का नाम दर्ज है, जिन्हें वाई. पूरण ने अपनी मृत्यु का जिम्मेदार ठहराया था।

याचिका के अनुसार एक उच्च पदस्थ अधिकारी की इतनी रहस्यमय और विचलित कर देने वाली परिस्थितियों में हुई मौत ने पूरे देश में चिंता फैलायी है और इससे सिविल सेवाओं की आंतरिक जवाबदेही प्रणाली में जनता का विश्वास कमजोर हुआ है।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि चंडीगढ़ पुलिस, हरियाणा और केंद्र प्रशासन से जुड़े संस्थागत ढांचे का हिस्सा होने के कारण निष्पक्ष जांच करने की स्थिति में नहीं है।

याचिका में तर्क दिया गया कि चंडीगढ़ प्रशासन, हरियाणा सरकार और केंद्र शासन के बीच निकट संबंधों के कारण जांच में हितों का टकराव स्वाभाविक है जिससे जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित करना चाहता है और इसलिए चंडीगढ़ पुलिस को अब तक की जांच, नामजद किए गए व्यक्तियों और आगे की कार्रवाई की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी।

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