हाईकोर्ट ने दिव्यांग सरकारी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में सीटें आरक्षित करने की याचिका पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा

Update: 2024-07-30 12:01 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुसार ग्रुप ए, बी, सी, डी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण की मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने पंजाब सरकार को नोटिस ऑफ मोशन जारी किया।

दिव्यांग कर्मचारी संघ ने जनहित याचिका दायर कर दावा किया कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 के विभिन्न प्रावधानों को अक्षरशः लागू नहीं किया गया।

याचिका में यह भी कहा गया कि 2016 अधिनियम की धारा 79 के अनुसार राज्य में लंबे समय से दिव्यांगता आयुक्त की नियमित नियुक्ति नहीं हुई है तथा अधिनियम की धारा 23 के प्रावधान के बावजूद प्रत्येक सरकारी प्रतिष्ठान में शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई।

दिव्यांग वव्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय का सभी विभागों द्वारा समान रूप से पालन नहीं किया जा रहा है।

याचिका में प्रस्तुत किया गया,

"पंजाब लोक सेवा आयोग द्वारा 2022 में रजिस्टर्ड कर्मचारियों से पीसीएस रजिस्टर ए-II के 21 पदों की भर्ती के संबंध में विज्ञापन जारी किया गया, जिसमें दिव्यांगों को कोई उचित आरक्षण नहीं दिया गया, लेकिन हरियाणा सरकार ने उसी पद के लिए दिव्यांग उम्मीदवार के लिए एक पद आरक्षित कर दिया।"

मामले  की अगली सुनावई 23 सितंबर को होगी।

केस टाइटल- दिव्यांग कर्मचारी संघ, पटियाला बनाम पंजाब राज्य और अन्य

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