ट्रांसजेंडरों के लिए जेलों में अलग वार्ड, शौचालय और पुलिस लॉक-अप की मांग: हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार से जवाब मांगा

Update: 2024-05-11 08:08 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जेलों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग सेल, शौचालय और पुलिस लॉक-अप बनाने के निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) पर पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार से जवाब मांगा।

चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस लपिता बनर्जी ने पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

पेशे से वकील सनप्रीत सिंह ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि ट्रांसजेंडर को थर्ड जेंडर के रूप में पहचाना जाता है और इसलिए जेलों के अंदर अलग-अलग सेल/वार्ड/बैरक और शौचालय बनाए जाने चाहिए। साथ ही प्रत्येक पुलिस स्टेशन में अलग-अलग लॉकअप भी होने चाहिए, जिससे ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को किसी भी तरह के मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न से बचाया जा सके, जैसा कि नालसा बनाम यूओआई में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर किया गया।

पटना हाइकोर्ट के लॉ फाउंडेशन बनाम बिहार राज्य और अन्य [2022 लाइव लॉ (पैट) 34] के फैसले पर भी भरोसा किया गया, जिसमें कहा गया कि न्यायालय ने बिहार की सभी जेलों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग वार्ड और सेल बनाने का निर्देश दिया।

ट्रांसजेंडर कैदियों की गवाही का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया कि जेल हिरासत संस्थान हैं, जहां पुरुषों द्वारा स्त्रैण व्यवहार हमेशा अधिकारियों और कैदियों दोनों द्वारा दुर्व्यवहार का अधिक जोखिम होता है। इसलिए ट्रांसजेंडर व्यक्ति जेलों के अंदर यौन हिंसा के सबसे क्रूर रूपों का शिकार बनते हैं।

याचिकाकर्ता ने जेल या पुलिस स्टेशन लॉक अप में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के प्रवेश से पहले उनके जेंडर की पहचान के लिए तंत्र विकसित करने के लिए भी निर्देश मांगे।

केस टाइटल- सनप्रीत सिंह बनाम यूओआई और अन्य

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