सरकार के खिलाफ अपराध: भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 151 से 153 का विश्लेषण

Update: 2024-08-24 12:05 GMT

भारतीय न्याय संहिता 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023), जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है, ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को प्रतिस्थापित किया है और सरकार के खिलाफ विभिन्न अपराधों से संबंधित अद्यतन प्रावधान पेश किए हैं। धारा 151 से 153 विशेष रूप से उच्च अधिकारियों पर दबाव डालने, अलगाववादी गतिविधियों (secessionist activities) और मित्र राष्ट्रों के खिलाफ युद्ध छेड़ने से संबंधित अपराधों को संबोधित करती हैं। इस लेख में हम प्रत्येक धारा का सरल भाषा में वर्णन करेंगे और उदाहरणों के माध्यम से समझाएंगे कि ये कानून कैसे लागू होते हैं।

जो लोग भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, साजिश रचने और युद्ध की तैयारी से संबंधित अपराधों में रुचि रखते हैं, कृपया इस अध्याय की पूर्व की धाराओं (147 से 150) का संदर्भ लें, जिन्हें पिछले पोस्ट में Live Law Hindi पर विस्तार से कवर किया गया है।

भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 151 से 153 भारत की संप्रभुता और उसके उच्च अधिकारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाई गई हैं। ये प्रावधान उन लोगों पर कड़ी सजा लगाते हैं जो राष्ट्रपति या राज्यपाल पर दबाव डालते हैं, अलगाव या विद्रोह को उकसाते हैं, या मित्र राष्ट्रों के खिलाफ युद्ध छेड़ते हैं।

इन कानूनी सुरक्षा उपायों के माध्यम से, भारतीय न्याय संहिता 2023 राष्ट्र की स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है। संबंधित अपराधों की गहन समझ के लिए, पाठकों को पिछले पोस्ट में कवर की गई धाराओं (147 से 150) को पढ़ने की सलाह दी जाती है, जो Live Law Hindi पर उपलब्ध हैं।

धारा 151: राष्ट्रपति या राज्यपाल पर दबाव डालना

धारा की समझ: भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 151 उस व्यक्ति से संबंधित है जो राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल को उनके वैध अधिकारों का प्रयोग करने या न करने के लिए मजबूर करने की कोशिश करता है। यह दबाव मारपीट (assault), गलत तरीके से रोकने (wrongful restraint), या आपराधिक बल (criminal force) या ऐसे बल की धमकी के माध्यम से हो सकता है। इस धारा का उद्देश्य इन उच्च अधिकारियों की गरिमा और अधिकार की रक्षा करना है।

सजा: इस अपराध के लिए सजा सात साल तक की कैद (rigorous या simple) और जुर्माना है।

उदाहरण: मान लीजिए कि 'B' नाम का एक व्यक्ति लोगों का एक समूह इकट्ठा करता है और राज्यपाल को उनके आधिकारिक निवास से बाहर निकलने से शारीरिक रूप से रोकने की कोशिश करता है, ताकि वह किसी विशेष कार्रवाई को करने या न करने के लिए मजबूर हो जाए। इस स्थिति में, 'B' धारा 151 के तहत दोषी होगा क्योंकि उसने राज्यपाल की कार्रवाई को प्रभावित करने के लिए गलत तरीके से रोकने और बल का उपयोग किया।

धारा 152: अलगाववादी या सशस्त्र विद्रोह को उकसाना

धारा की समझ: धारा 152 उन कृत्यों को संबोधित करती है जिसमें जानबूझकर या जानबूझकर अलगाव (secession), सशस्त्र विद्रोह (armed rebellion), या कोई भी विध्वंसक गतिविधि (subversive activities) उकसाने या उकसाने का प्रयास किया जाता है जो भारत की संप्रभुता या एकता को खतरे में डालता है। यह बोले गए या लिखित शब्दों, संकेतों (signs), दृश्यमान प्रतिनिधित्व (visible representation), इलेक्ट्रॉनिक संचार (electronic communication), या वित्तीय साधनों (financial means) के माध्यम से किया जा सकता है।

सजा: इस अपराध के लिए सजा उम्रकैद (life imprisonment) या सात साल तक की कैद और जुर्माना है।

स्पष्टीकरण: यह ध्यान देने योग्य है कि सरकार के उपायों या कार्यों की आलोचना करने वाले टिप्पणियां (comments) जो कानूनी तरीकों से बदलाव प्राप्त करने के उद्देश्य से की जाती हैं, वे इस धारा के तहत अपराध नहीं मानी जातीं, जब तक कि वे अलगाव, विद्रोह, या अन्य विध्वंसक गतिविधियों को उकसाने का प्रयास न करें।

उदाहरण: अगर कोई व्यक्ति 'C' सोशल मीडिया पर संदेश फैलाता है जिसमें वह भारत के एक विशेष क्षेत्र को अलग होकर एक स्वतंत्र देश बनाने के लिए उकसाता है, तो 'C' धारा 152 के तहत दोषी होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि 'C' ने अलगाव को उकसाने और भारत की एकता और अखंडता को खतरे में डालने की कोशिश की।

धारा 153: मित्र राष्ट्र के खिलाफ युद्ध छेड़ना

धारा की समझ: धारा 153 उस कृत्य से संबंधित है जिसमें कोई व्यक्ति किसी विदेशी राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ता है, युद्ध छेड़ने का प्रयास करता है, या ऐसे युद्ध को बढ़ावा देता है जो भारत सरकार के साथ शांति में है। इस धारा का उद्देश्य उन व्यक्तियों को जवाबदेह ठहराना है जो मित्र राष्ट्रों के खिलाफ शत्रुतापूर्ण कार्यों में शामिल होते हैं।

सजा: इस अपराध के लिए सजा उम्रकैद (life imprisonment) है, साथ ही अतिरिक्त जुर्माना (fine) लगाया जा सकता है। इसके अलावा, सजा सात साल तक की कैद और जुर्माना हो सकती है।

उदाहरण: कल्पना कीजिए कि 'D' एक उग्रवादी समूह का हिस्सा है जो एक विदेशी देश के दूतावास (embassy) पर हमला करने की योजना बना रहा है, जिसके भारत के साथ मित्रतापूर्ण संबंध हैं। भले ही यह हमला सफल न हो, लेकिन 'D' और अन्य लोग जो इस योजना में शामिल हैं, धारा 153 के तहत दोषी होंगे क्योंकि उन्होंने एक मित्र राष्ट्र के खिलाफ युद्ध छेड़ने का प्रयास किया।

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