केरल हाईकोर्ट ने KUFOS के कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी गठित करने के राज्यपाल के आदेश पर रोक लगाई
केरल हाईकोर्ट ने केरल मत्स्य पालन और महासागर अध्ययन यूनिवर्सिटी (KUFOS) के कुलपति की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया आयोजित करने के लिए खोज-सह-चयन समिति गठित करने के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के फैसले पर रोक लगा दी।
जस्टिस ज़ियाद रहमान ए.ए. ने राज्यपाल द्वारा पारित 28 जून 2024 की अधिसूचना के आधार पर आगे की सभी कार्यवाही पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश जारी किया।
उन्होंने कहा,
“मैं इस मामले में अंतरिम आदेश पारित करने का इच्छुक हूं, क्योंकि क्योंकि मुझे विश्वास है कि कुलपति की चयन प्रक्रिया आयोजित करने के लिए खोज-सह-चयन समिति बनाने के लिए प्रथम प्रतिवादी की क्षमता से संबंधित मुद्दे पर सभी पक्षों को सुनने के बाद विस्तार से विचार किया जाना है।”
न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा दायर रिट याचिका में उपरोक्त आदेश पारित किया, जिसमें राज्यपाल द्वारा खोज-सह-चयन समिति के गठन के लिए जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई।
अधिसूचना के अनुसार छह यूनिवर्सिटी, केरल यूनिवर्सिटी, महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी, एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी, केरल कृषि यूनिवर्सिटी, थुंचत एझुथचन मलयालम यूनिवर्सिटी और KUFOS के कुलपतियों के चयन के लिए खोज-सह-चयन समिति गठित की गई। न्यायालय ने कहा कि कुलपति के चयन के लिए खोज-सह-चयन समिति गठित करने के लिए राज्यपाल की क्षमता का आकलन करने के लिए विस्तृत सुनवाई होनी चाहिए।
राज्य सरकार ने तर्क दिया कि राज्यपाल के पास यूजीसी दिशानिर्देशों और KUFOS के अनुसार ऐसी खोज-सह-चयन समिति गठित करने का कोई अधिकार नहीं है। न्यायालय ने मामले में UGC को अतिरिक्त छठे प्रतिवादी के रूप में स्वत: संज्ञान लिया।
न्यायालय ने कहा,
"रजिस्ट्री को UGC की ओर से उपस्थित सरकारी वकील एस कृष्णमूर्ति का नाम दिखाने का निर्देश दिया जाता है।"
मामले की सुनवाई 08 अगस्त 2024 को निर्धारित की गई।
केस टाइटल- केरल राज्य बनाम चांसलर