यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने के पीछे महिला पहलवानों का छिपा एजेंडा: बृज भूषण सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा
BJP नेता बृज भूषण शरण सिंह ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दावा किया कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने के पीछे महिला पहलवानों का छिपा एजेंडा है।
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा के समक्ष यह दलील दी गई, जो सिंह की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थीं, जिसमें उन्होंने एफआईआर, चार्जशीट और मामले से जुड़ी सभी निचली अदालती कार्यवाही रद्द करने की मांग की।
सिंह ने अपने खिलाफ आरोप तय करने के निचली अदालत के आदेश को भी चुनौती दी।
सिंह के वकील ने अदालत को बताया कि पिछले साल अप्रैल में शिकायत दर्ज कराने से पहले किसी भी महिला पहलवान ने सिंह के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि महिला पहलवानों ने सिंह के खिलाफ शिकायत इसलिए दर्ज कराई, जिससे उन्हें भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख पद से हटाया जा सके, जिसके बाद पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन किया।
दिल्ली पुलिस और शिकायतकर्ता पहलवानों ने याचिका की स्वीकार्यता का विरोध किया।
अदालत ने मामले की सुनवाई 26 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी और सिंह के वकील से मामला रद्द करने के आधार बताते हुए एक संक्षिप्त नोट दाखिल करने को कहा।
मई में निचली अदालत ने सिंह के खिलाफ पांच महिला पहलवानों के संबंध में यौन उत्पीड़न के आरोप तय किए थे। हालांकि, उन्होंने खुद को निर्दोष बताया और मुकदमे का दावा किया।
अदालत ने कहा था,
"इस अदालत ने पीड़िता नंबर 1, 2, 3, 4 और 5 के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 354ए के तहत आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री रिकॉर्ड पर पाई है।"
निचली अदालत ने पीड़ित नंबर 1 और 5 के संबंध में IPC की धारा 506 भाग 1 के तहत अपराधों के लिए सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री पाई थी।
हालांकि अदालत ने पीड़ित नंबर 6 द्वारा लगाए गए आरोपों में बृज भूषण सिंह को बरी कर दिया।
अदालत ने कहा था कि आरोपी नंबर 2 विनोद तोमर के लिए अदालत ने पीड़ित नंबर 1 के संबंध में धारा 506 भाग 1 के तहत आरोप तय किए। शेष अपराधों के लिए उन्हें बरी कर दिया गया।
इसने मामले में आगे की जांच और आरोप तय करने पर आगे की दलीलें देने की मांग करने वाले सिंह का आवेदन खारिज कर दिया। उन्होंने दावा किया कि वह संबंधित तारीख पर भारत में नहीं थे।
सिंह इस मामले में सह-आरोपी विनोद तोमर के साथ जमानत पर बाहर हैं, जो भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व सहायक सचिव हैं।
दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 354, 354ए, 354डी और 506(1) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया। तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 109 भी लगाई गई।
हालांकि, नाबालिग पहलवान द्वारा सिंह के खिलाफ दर्ज किए गए POCSO मामले में रद्दीकरण रिपोर्ट दाखिल की गई थी।
BJP नेता पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यौन उत्पीड़न की कथित घटनाएं 2016 से 2019 के बीच WFI कार्यालय, सिंह के आधिकारिक आवास और विदेश में भी हुई।
केस टाइटल- बृजभूषण शरण सिंह बनाम राज्य